World Pharmacists Day 2021: आज है वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे, जानें, इसका इतिहास और महत्व

World Pharmacists Day 2021 FIP World Congress of Pharmacy and Pharmaceutical Sciences की मीटिंग में विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाने के लिए वोट किया था। इसका मुख्य उद्देश्य फार्मेसी से जुड़े लोगों के सराहनीय कार्यों के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करना है।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 10:53 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:36 AM (IST)
World Pharmacists Day 2021: आज है वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे, जानें, इसका इतिहास और महत्व
कोरोना महामारी के दौर में फार्मासिस्ट ने अहम भूमिका निभाई है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Pharmacists Day 2021: आज वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे है। हर साल 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। फार्मासिस्ट दवा और औषधि के ज्ञाता होते हैं और दवा केंद्रों में काम करते हैं। चिकित्सा क्षेत्र में फार्मासिस्ट का बहुमूल्य योगदान रहता है। आसान शब्दों में कहें तो फार्मासिस्ट रोगी की देखभाल करने के साथ ही चिकित्सक टीम के सदस्य होते हैं। इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (FIP) ने साल 2009 में तुर्की के इस्तांबुल में FIP World Congress of Pharmacy and Pharmaceutical Sciences की मीटिंग में विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाने के लिए वोट किया था। उस साल से विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इसका मुख्य उद्देश्य फार्मेसी से जुड़े लोगों के सराहनीय कार्यों के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करना है। साथ ही फार्मेसी क्षेत्र को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे का इतिहास

इतिहासकारों की मानें तो सन 1912 में इंटरनेशनल फार्मास्यूटिकल फेडरेशन की स्थापना नीदरलैंड में हुई थी। इंटरनेशनल फार्मास्यूटिकल फेडरेशन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इस संगठन के अधीन होकर फार्मासिस्ट, फार्मास्युटिकल शिक्षक और फार्मास्युटिकल वैज्ञानिक कार्य करते हैं। इंटरनेशनल फार्मास्यूटिकल फेडरेशन ने फार्मेसी क्षेत्र को बढ़ावा और प्रोत्साहित करने के लिए हर साल विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाने की पहल की थी।

वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे का महत्व

चिकित्सा क्षेत्र में फार्मसिस्ट का अहम योगदान है। खासकर कोरोना महामारी के दौर में फार्मासिस्ट ने अहम भूमिका निभाई है। दुनियाभर में फार्मासिस्टों ने कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह न कर लोगों की जान बचाई। इसके लिए फार्मासिस्ट को फ्रंट लाइन वर्कर्स कहा जाता है और जब टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई, तो सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स को ही टीका दिया गया। फार्मासिस्ट आपात स्थिति में रोगी के लिए देवदूत समान हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में फार्मासिस्ट आपातकालीन समय में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज को उचित दवाएं देकर उनको तत्काल राहत देते हैं। इसके बाद पीड़ित को अस्पताल ले जाने की सलाह ही जाती है।

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