ऑनलाइन क्लासेज़ के दौरान बच्चों को हो रही समस्याओं को सुलझाने में ऐसे करें उनकी मदद
ऑनलाइन क्लासेज़ के दौरान बच्चों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कुछ छात्र पढ़ाई के मामले में लापरवाह हो रहे हैं। तो इस समस्या को कैसे सुलझाया जा सकता है बता रही हैं चाइल्ड काउंसलर गगनदीप कौर।
ज्यादातर बच्चों के पेरेंट्स आजकल शिकायत कर रहे हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई में लापरवाह होते जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते शुरू हुए ऑनलाइन क्लासेज के दौरान टीचर्स सही ढंग से बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते, जिससे वो पढ़ाई में पिछड़ते जा रहे हैं। तो काउंसलर का कहना है कि इसके लिए पूरी तरह से टीचर्स को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं, कुछ कमियां पेरेंट्स की तरफ से भी होती हैं जिनके बारे में जानकर उसे सुलझाने की ओर ध्यान दें।
गतिविधि पर निगरानी
इस समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि पेरेंट्स खुद अपने बच्चों की पढ़ाई में रुचि लें। ऑनलाइज क्लासेज़ के दौरान उसके आसपास बैठें, इस बात पर नज़र रखें कि वह पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं या नहीं? किस विषय में रोज़ाना उसे क्या पढ़ाया जा रहा है, उसने अपना होमवर्क पूरा किया या नहीं? किसी खास चैप्टर को समझने में उसे परेशानी तो नहीं हो रही? बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी ऐसी बातें हर अभिभावक को पता होनी चाहिए। क्लासेज़ के अनुसार बच्चों के सोने-जागने का समय निर्धारित करना चाहिए। ऑनलाइन क्लासेज़ के अलावा उन्हें सेल्फ स्टडी में भी मदद करनी चाहिए। कई बार पेरेंट्स के साथ न होने की स्थिति में बच्चे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते।
ध्यान रहे, जब भी आप बच्चे को अपने साथ पढ़ने के लिए बैठाएं तो मोबाइल को खुद से दूर रखें। आपका सारा ध्यान बच्चे की पढ़ाई पर ही होना चाहिए। अगर घर में अलग से स्टडी रूम की व्यवस्था न हो तो किसी एक हिस्से को इस ढंग से व्यवस्थित करें, जहां वह शांतिपूर्ण ढंग से पढ़ाई कर सके। वहां प्रॉपर टेबल-कुर्सी लगी हो।
परवरिश के 5 नियम
- बच्चों की दिनचर्या सुधारें।
- उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखें।
- सेल्फ स्टडी भी जरूरी है।
- स्क्रीन टाइम हो संतुलित।
- अच्छी कामों के लिए शाबाशी जरूरी दें।
- पढा़ई के अलावा और भी दूसरी एक्टिविटीज़ के लिए प्रेरित करें।
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