कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में कुछ इस तरह काम करता है नाइट कर्फ्यू
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सबसे पहले नाइट कर्फ्यू लगाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर समारोह और पार्टी रात के समय आयोजित किए जाते हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
देश एक बार फिर कोरोना वायरस की चपेट में है। कयास लगाए जाने लगे हैं कि राज्य सरकारें लॉकडाउन लगा सकती है। फिलहाल कई प्रमुख जगहों पर सरकार और प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू या वीकेंड लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई नाइट कर्फ्यू कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में कारगर है?
ऐसे कारगर है नाइट कर्फ्यू
नाइट लाइफ पर लग जाता है अंकुश
देश के सभी बड़े शहरों में नाइट लाइफ बहुत ज्यादा प्रचलन में है। जिन जगहों पर नाइट कर्फ्यू लगाया जाता है। वहां पर यह सारे कार्यक्रम और आयोजन रद्द हो जाते हैं। नाइट कर्फ्यू ऐसे लोगों को इकट्ठा होने से रोकता है।
बस अड्डों, रेलवे स्टेशन के बाहर भीड़ न हो
रात में कई स्टॉप ऐसे हैं, जहां लोगों की भीड़ जुटती है। इनमें बस अड्डों से लेकर रेलवे स्टेशन और नाइट फूड स्ट्रीट शामिल हैं। नाइट कर्फ्यू यह सुनिश्चित करता है कि इन जगहों पर भीड़ इकट्ठा न हो।
नाइट एक्टिविटीज पर रहती है पुलिस की नजर
देश की आबादी का एक तबका ऐसा भी है जो रात की व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होकर भीड़भाड़ को इकट्ठा करता है। नाइट कर्फ्यू में इस तरीके की सभी गतिविधियां पूरी तरीके से बंद हो जाती है।
सड़कों पर फर्राटा भरने की अनुमति नहीं
दिल्ली, मुंबई या किसी भी बड़े शहर की सड़कों पर अक्सर रात को आप देखते होंगे कि बहुत सारी गाड़ियां फर्राटा भरते हुए नजर आती हैं। नाइट कर्फ्यू के दौरान सड़कों पर निकलना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाता है। सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं को ही अनुमति मिलती है। ऐसे में रात को नाइट आउट की अनुमति नहीं दी जाती है।
दरअसल पार्टीज़, किसी तरह का समारोह, जश्न ज्यादातर रात के समय ही ऑर्गनाइज़ किए जाते हैं जहां लोग भीड़ का ख्याल किए बिना एंजॉयमेंट पर फोकस करते हैं। ऐसे में ये लापरवाही बड़ी परेशानी की वजह बन सकता है। इसलिए नाइट कर्फ्यू पर जोर दिया जाता है।
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