Teej Rituals, Customs and Traditions: हरितालिका तीज की तैयारियां इन चीज़ों के बिना नहीं होती पूरी
Teej Rituals Customs and Traditions हरितालिका तीज का पर्व गणेश चतुर्थी से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह 9 सितंबर 2021 को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी खास रीति-रिवाजों के बारे में।
हरितालिका तीज का निर्जला व्रत रखने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। हरितालिका तीज खासतौर से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा में मनाया जाता है। हरतालिका तीज का पर्व गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले मनाया जाता है। जो इस बार 9 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा।
क्यों है यह दिन खास
महिलाओं के लिए यह दिन इसलिए खास होता है क्योंकि इस दिन वो अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं साथ ही साथ शाम को पूजा के दौरान अच्छे से तैयार होती है। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी करती हैं जिससे उन्हें अच्छा पति मिले। व्रत में बिना पानी पिए रहना होता है। अगले दिन ही इस व्रत का पारन होता है।
रीति-रिवाज
इस व्रत को सबसे कठिन व्रत में से एक माना जाता है क्योंकि अन्न के साथ जल ग्रहण भी नहीं कर सकते। साथ ही अगर एक बार किसी महिला ने इस व्रत को शुरू कर दिया तो वो फिर बीच में नहीं छोड़ सकती। जब तक कि कोई बहुत बड़ी समस्या न हो। शाम को अच्छे से सोलह-श्रृंगार कर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है। फल और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है और अगली सुबह नहा-धोकर फिर से पूजा-पाठ कर व्रत खोला जाता है।
न करें इन चीज़ों की अनदेखी
1. भूलकर भी अन्न, जल ग्रहण न करें।
2. इस व्रत में सोने की भी मनाही होती है।
3. पूजा-पाठ से जुड़ी वस्तुएं ब्राह्मण को दान करें।
4. गुस्सा न करें साथ ही अपशब्द बातें भी न बोलें।
5. व्रत से जुड़ी कथा-कहानी को ध्यान से सुनें।
6. गर्भवती महिला अपनी सुविधानुसार व्रत रख सकती हैं और बीच-बीच में खा-पी भी सकती हैं।
7. सच्चे मन और श्रद्धा भक्ति से करें यह व्रत, तो मनचाहा फल और वर जरूर प्राप्त होता है।
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