Teachers Day 2020:आखिर क्यों भारत में 5 सितंबर को ही मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य

Teachers Day 2020 राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु राज्य के चेन्नई स्थित तिरुमनी गांव में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 09:00 PM (IST) Updated:Sat, 05 Sep 2020 08:24 AM (IST)
Teachers Day 2020:आखिर क्यों भारत में 5 सितंबर को ही मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य
Teachers Day 2020:आखिर क्यों भारत में 5 सितंबर को ही मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Teachers Day 2020: हर साल 5 सितंबर को भारत में टीचर्स डे यानी शिक्षक दिवस मनाया जाता है। जबकि दुनियाभर में टीचर्स डे अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को सम्मानित करना और शिक्षा के प्रति शिष्यों को जागरूक करना है। भारत में यह पर्व की तरह मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजस में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। निबंध और स्पीच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। इस मौके पर न केवल शिक्षकों, बल्कि विद्यार्थियों को भी उनकी प्रतिभा अनुसार सम्मानित किया जाता है। हालांकि, बहुत कम लोगों को पता है कि 5 सितंबर को टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है ? अगर आपको नहीं पता है, तो आइए जानते हैं-

5 सितंबर को टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है

इस दिन देश के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु राज्य के चेन्नई स्थित तिरुमनी गांव में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सर्वपल्ली वीरासमियाह और माता का नाम सीमाम्मा था। राधाकृष्ण बचपन से मेधावी छात्र थे। उन्हें किताब पढ़ने का शौक था। जबकि उनके आदर्श विवेकानंद थे।

सन 1902 ई. में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। 1908 ई. में मैसूर महाविद्यालय से दर्शन शास्त्र में एम.ए. की डिग्री हासिल की और 1918 ई. में मैसूर महाविद्यालय सहायक प्रिंसिपल बने।आजादी के पश्चात राधाकृष्णन देश के प्रथम उप-राष्ट्रपति बने। जबकि सन 1954 ई. में जब देश के राष्ट्रपति बनें, तो उनके मित्र और छात्र उनसे मिलने पहुंचें।

इस मौके पर उनके छात्रों ने शिक्षक दिवस मनाने की इच्छा जताई। उस समय राधाकृष्णन उनको मना नहीं कर सके और उन्होंने कहा कि "ये मेरा सौभग्य होगा यदि 5 सितंबर को मेरे जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया जाए"। तबसे शिक्षक दिवस राधाकृष्णन के जन्मदिन यानी 5 सितंबर को मनाया जाता है। राधाकृष्णन की मृत्यु 17 अप्रैल, 1975 को हुई।

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