National Endangered Species Day 2021: जानिए किस मकसद से हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत
National Endangered Species Day 2021 लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मई के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है। जो साल 2021 में 21 मई को मनाया जा रहा है। जिसका मकसद लोगों को खत्म हो रही प्रजातियों के प्रति जागरूक करना है।
पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति से पहले जीव-जंतुओं की ऐसी कई प्रजातियां मौजूद थी जिन्हें अब हम केवल किताबों और तस्वीरों में देखते हैं। जीव-जंतु हमारी पारिस्थितिकी तंत्र को बैलेंस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन हम इससे बेपरवाह होकर सिर्फ अपने विकास पर ध्यान दे रहे हैं जो आगे चलकर मनुष्य ही नहीं पूरी पृथ्वी के लिए घातक साबित हो सकता है। जंगल, पेड़-पौंधों की कटाई, शिकार, पर्यावरण में बदलाव ने कई पशु-पक्षियों के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। इसी को देखते हुए राष्ट्रीय लुप्तप्राय दिवस मनाने की शुरूआत की गई थी।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का इतिहास
साल 1960 में पर्यावरण और इसमें अपना अमूल्य योगदान देने वाले वन्यजीवों की रक्षा के लिए चिंता जाहिर की गई। धीरे-धीरे खत्म होती इन प्रजातियों का संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है इसके बारे में लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया। जिसके बाद 1972 में अमेरिका में लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए कई नियम और कानून बनाए गए। ऐसा कहा जाता है कि साल 2006 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक अधिनियम पारित कर लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाने पर बल दिया। और इसी के बाद से हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जाने लगा।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का महत्व
इस दिन कई ऐसी प्रजातियों के बारे में जानने का मौका मिलता है जो या तो विलुप्त हो गई हैं या धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं। इस दिन जगह-जगह आयोजित होने वाले कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को इन लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के महत्व को समझाया जाता है और जागरूकता पैदा करने की कोशिश की जाती है।
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2021 की थीम
राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2021 की इस बार की थीम 'वाइल्डलाइफ विदाउट बॉर्डर्स है।' साल 2020 की थीम थी: पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखना। 2019 की थीम थी: लोगों और ग्रह के लिए पानी के नीचे जीवन।
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