National Doctor's Day 2021: आज के दिन डॉक्टर्स द्वारा की गई इन चीज़ों के लिए जरूर कहें उन्हें 'थैंक्यू'

National Doctors Day 2021 सारी विपरीत परिस्थतियो के बीच भी डॉक्टर्स रहनुमा बनकर डटे थे और विश्वास दिला रहे थे कि सबकुछ ठीक होगा। अपनी जान की फ्रिक न करते हुए इन्हीं डॉक्टर्स ने लाखों लोगों की जान बचाई। तो यही मौका है उन्हें थैंक्यू बोलने का।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 11:03 AM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 11:03 AM (IST)
National Doctor's Day 2021: आज के दिन डॉक्टर्स द्वारा की गई इन चीज़ों के लिए जरूर कहें उन्हें 'थैंक्यू'
Thank you Doctors दर्शाती हुई एक तस्वीर

पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में है। पीक के दौरान भारत समेत कई बड़े देशों का हेल्थ सिस्टम क्रैश कर गया था। अस्पताल फुल हो गए थे, लोगों को घरों में अपना इलाज करवाना पड़ा। ऑक्सीजन से लेकर दवाइयों तक की मारामारी थी। हालांकि सांसों की टूटती डोर के बीच हर एक सांस के लिए जो लड़ रहा था वो था आपका डॉक्टर। सारी विपरीत परिस्थतियो के बीच भी वो रहनुमा बनकर डटा था और विश्वास दिला रहा था कि सबकुछ ठीक होगा। अपनी जान की फ्रिक न करते हुए इन्हीं डॉक्टर्स ने लाखों लोगों की जान बचाई। वो भी तब, जब भारत में प्रति 1456 लोगों पर महज एक ही डॉक्टर मौजूद है। आज नेशनल डॉक्टर्स डे पर हमारे पास मौका है उन्हें बोलने का, थैंक्यू डॉक्टर्स।

1. थैक्यूः फैमिली की बजाए पेशेंट्स को प्रायोरिटी देने के लिए

इस कोरोना काल में मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर्स, नर्स और मेडिकल स्टाफ को कई दिनों तक अपने घर-परिवार से दूर रहना पड़ा। देश पर कोरोना का कहर टूटने से हेल्थ सिस्टम पूरी तरह हिल गया था। ऐसे में डॉक्टर्स से ही हर किसी को उम्मीद थी। उन्होंने विश्वास नहीं तोड़ा और अस्पतालों के साथ-साथ लोगों को घरों में भी टेलीमेडिसिन के जरिए सेवा उपलब्ध कराई।

2. थैक्यूः दिक्कतें झेलकर भी मुस्कुराने के लिए

कोरोना से पीड़ित मरीज के संपर्क में आने से कोई भी संक्रमित हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर्स और नर्स को कई-कई घंटों तक पीपीई किट पहने हुए रहना पड़ता है। पीपीई किट में रहना हर किसी के बस की बात नहीं है, क्योंकि इसे लंबे समय तक पहने रखना बेहद मुश्किल है। इसके अंदर का तापमान 40 डिग्री तक होता है जिसमें डॉक्टर्स पसीने-पसीने हो जाते थे, लेकिन इसके बावजूद वो डटे रहे।

3. थैक्यूः अपनी ड्यूटी निभाने के लिए

कहते हैं कि एक बच्चे की दुनिया उसके माता-पिता के इर्द-गिर्द ही होती है, लेकिन सोचिए जब महीनें तक कोई अपने बच्चों से न मिल पाए तो कैसा होगा? ठीक ऐसा ही इस कोरोना काल में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ के साथ हुआ। लोगों का इलाज समय रहते हो पाए और स्वस्थ हो जाएं। इसके लिए वे अपने घर नहीं जा पाए। बच्चों से नहीं मिल पाए।

4. थैंक्यूः अपनी जान की परवाह न करने के लिए

कोरोना महामारी से लोगों को बचाना आसान काम नही है इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने के लिए डॉक्टर्स ने अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया। इस दौरान कई डॉक्टर्स को अपनी जान तक गंवानी पड़ी। ऐसा इसलिए क्योंकि संक्रमितों का इलाज करते-करते खुद कई डॉक्टर्स कोरोना की चपेट में आ गए। अकेले दूसरी लहर में ही 788 डॉक्टर्स ने अपनी जान गंवा दी।

Pic credit- freepik

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