Mars Perseverance Rover Go For Launch: नासा का रोवर गर्म रहने के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा

Mars Perseverance Rover Go For Launch नासा ने अपना रोवर परसेवेरेंस मंगल पर भेजा है छह पहियों वाला रोवर मंगल की सतह पर छेद कर चट्टानों के सूक्ष्म नमूने एकत्र करेगा

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 31 Jul 2020 03:07 PM (IST) Updated:Fri, 31 Jul 2020 03:07 PM (IST)
Mars Perseverance Rover Go For Launch: नासा का रोवर गर्म रहने के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा
Mars Perseverance Rover Go For Launch: नासा का रोवर गर्म रहने के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा

नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। लाल ग्रह पर अपना-अपना रोवर भेजने की इस समय होड़ मची हुई है। कुछ दिन पहले ही चीन ने अपना रोवर मंगल ग्रह पर भेजा है। इसके बाद अब अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपना रोवर परसेवेरेंस मंगल पर भेजा है। नासा ने इससे पहले क्यूरियोसिटी रोवर भेजा था जिसने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की थी। परसेवेरेंस रोवर को इस बार विशेष तकनीकी से बनाया गया है। रोवर में लगे उपकरण किसी तरह से खराब न हो, इसके लिए इस बार रोवर परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल करेग ताकि कल-पुर्जे गर्म रहे। परमाणु ऊर्जा के लिए प्लूटोनियम का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि यह प्लूटोनियम उस तरह से इस्तेमाल नहीं होगा जैसा परमाणु विस्फोट में होता है बल्कि यह बेहद नियंत्रित तरीके से होगा।

इस बार प्लूटोनियम ही स्पेसक्राफ्ट के लिए एनर्जी का मुख्य सोर्स होगा। प्लूटोनियम की शक्ति से संचालित, छह पहियों वाला रोवर मंगल की सतह पर छेद कर चट्टानों के सूक्ष्म नमूने एकत्र करेगा जिन्हें संभवतः 2031 में धरती पर लाया जाएगा। इस कवायद में और देशों के शामिल होने की भी उम्मीद है। रोवर की कुल लागत आठ अरब अमेरिकी डॉलर बताई जा रही है।

मंगल की चट्टान से प्राचीन जीवन का पता लगेगा

परसेवेरेंस मंगल ग्रह की चट्टान को पहली बार धरती पर लाएगा। इससे वहां कोई प्राचीन जीवन था या नहीं, इसका विश्लेषण किया जाएगा। माना जाता है कि इस स्थान की चट्टानों पर सूक्ष्म जीवों के अवशेष हैं और वहां तीन अरब साल पहले एक झील थी। इस अभियान से मंगल पर जीवन के प्रमाण खोजने के अलावा लाल ग्रह के बारे में बहुत सी जानकारी प्राप्त होगी जिससे 2030 के दशक तक मानव अभियान के लिए मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।

इस लिहाज से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब तक का सबसे बड़ा और जटिल रोवर प्रक्षेपित किया। इस रोवर में शक्तिशाली कैमरा, माइक्रोफोन, ड्रिल और लेजर लगाए गए हैं। चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने भी पिछले सप्ताह मंगल पर पहुंचने के लिए अपने रोवर भेजे हैं। उम्मीद है कि तीनों देशों के रोवर सात महीने और 48 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करने के बाद अगले साल फरवरी तक लाल ग्रह पर पहुंच जाएंगे। यान के प्रक्षेपण से कुछ देर पहले नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेन्स्टीन ने कहा हमने इस रोबोट (रोवर) का नाम परसेवेरेन्स किसी कारण से रखा है। क्योंकि मंगल पर जाना बहुत कठिन है। 

                        Written By Shahina Noor

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