Mahatma Gandhis Glasses Auctioned: ब्रिटेन में महात्मा गांधी का सोने का चश्मा हुआ निलामी में शामिल

Mahatma Gandhis Glasses Auctioned गांधी के इस चश्मे को ब्रिटेन में ऑनलाइन नीलामी के लिए रखा गया है। सोने की परत चढ़े हुए इन चश्मों को गांधी जी ने पहना था।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 02:40 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 06:26 PM (IST)
Mahatma Gandhis Glasses Auctioned: ब्रिटेन में महात्मा गांधी का सोने का चश्मा हुआ निलामी में शामिल
Mahatma Gandhis Glasses Auctioned: ब्रिटेन में महात्मा गांधी का सोने का चश्मा हुआ निलामी में शामिल

 नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। महात्मा गांधी जिन दिनों दक्षिण अफ्रीका में रहते थे तब सोने की परत का चढ़ा हुआ चश्मा पहनते थे। गांधी जी का ये चश्मा ब्रिटेन की नीलामी में सामने आया है। इस चश्मे को ब्रिटेन में ऑनलाइन नीलामी के लिए रखा गया है। सोने की परत चढ़े हुए इन चश्मों के बारे में माना जाता है कि इन्हें महात्मा गांधी ने पहना था और किसी को इसे उपहार में दिया था। इस चश्मे की कीमत 10,000 से 15,000 पाउंड के बीच रहने की उम्मीद है। दावा किया गया है कि इन चश्मों को महात्मा गांधी ने 1900 के दशक में एक व्यक्ति को भेट कर दिया था।

ऑक्शन कंपनी ने कहा- चश्मों का ऐतिहासिक महत्व: 

दक्षिण-पश्चिमी इंग्लैंड के उपनगर हनहम स्थित कंपनी ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शंस ने रविवार को कहा कि वह इस बात को जानकर बेहद आश्चर्यचकित थे कि जो चश्मे उनकी डाकपेटी में एक लिफाफे में रखकर डाले गए थे, उनके पीछे एक ऐसा शानदार इतिहास हो सकता है। नीलामी कंपनी के एंडी स्टोव ने कहा कि इसका बड़ा ऐतिहासिक महत्व है।

चश्मों की कीमत जानकर अचंभित हुआ मालिक:

विक्रेता ने इसे दिलचस्प तो माना लेकिन इसकी कोई कीमत नहीं बतायी। यहां तक कि विक्रेता ने स्टोव से कहा कि अगर यह कीमती नहीं हैं तो इन्हें नष्ट कर दें। उन्होंने कहा कि जब हमने इसके मालिक को चश्मों की कीमत बताई तो वह अचंभे में पड़ गए। यह नीलामी से संबंधित वाकई एक शानदार कहानी है। इन चश्मों के लिए पहले ही 6,000 पाउंड की ऑनलाइन बोली लगाई जा चुकी है।

1990 के दशक में गांधीजी ने तोहफे में दिए थे ये चश्में:

इंग्लैंड के इस अज्ञात बुजुर्ग विक्रेता के परिवार के पास ये चश्मे थे। विक्रेता के पिता ने उन्हें बताया था कि ये चश्मे उनके चाचा को महात्मा गांधी ने उस वक्त तोहफे के तौर पर दिए थे, जब वह 1910 से 1930 के बीच दक्षिण अफ्रीका में ब्रिटिश पेट्रोलियम में काम करते थे। महात्मा गांधी के निजी चश्मे का जोड़ा के शीर्षक से 21 अगस्त को आयोजित होने वाली इस ऑनलाइन नीलामी ने पहले ही लोगों को खासा आकर्षित किया है। भारत के लोगों ने भी इसमें विशेष रुचि दिखाई है।

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