When A Bird Gave A Lesson For Life: जब एक छोटी सी चिड़िया ने दी सारी ज़िंदगी के लिए प्रेरणा!

When A Bird Gave A Lesson For Life कई साल पहले की बात है। संयुक्त राज्य अमेरिका में डिफोस्ट नाम का एक बच्चा रहता था। पढ़ने-लिखने में उसकी काफी दिलचस्पी थी।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 05:12 PM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 08:00 AM (IST)
When A Bird Gave A Lesson For Life: जब एक छोटी सी चिड़िया ने दी सारी ज़िंदगी के लिए प्रेरणा!
When A Bird Gave A Lesson For Life: जब एक छोटी सी चिड़िया ने दी सारी ज़िंदगी के लिए प्रेरणा!

नई दिल्ली, ,लाइफस्टाइल डेस्क। Inspirational Story Of A Boy: यह कहानी अमेरिका के एक छोटे से बच्चे की है, जिसका नाम डिफोस्ट था। जिसने कठोर परिस्थितियों में भी अपने सपने को साकार किया वो भी एक छोटी सी चिड़ियां से प्रेरणा ले कर। तो आइए जानते हैं क्या है डिफोस्ट की कहानी।

कुछ ऐसा था डिफोस्ट का बचपन

कई साल पहले की बात है। संयुक्त राज्य अमेरिका में डिफोस्ट नाम का एक बच्चा रहता था। पढ़ने-लिखने में उसकी काफी दिलचस्पी थी। खासकर के उसे गणित के सवाल हल करना बेहद पसंद था।

एक दिन अचानक डिफोस्ट के पिता का निधन हो गया। पिता के जाने के साथ उसके सारे सपने भी चकनाचूर हो गए। परिवार की सारी ज़िम्मेदारी का बोझ नन्हे मासूम डिफोस्ट के नाज़क कंधों पर आ गई। उसके पिताजी जूते-चप्पल बनाने का काम करते थे, इसलिए उसकी मां ने उसे भी उसी काम में लगा दिया।

खेलने की उम्र में मिली ज़िन्दगी की सीख

काम करने की वजह से डिफोस्ट को स्कूल छोड़ना पड़ा। वह जूते-चप्पल बनाने के काम में लग गया। एक दिन डिफोस्ट जब अपने बनाए हुए जूतों को धूप में रखने जा रहा था तो उसकी नज़र एक चिड़िया पर गई। चिड़िया को देखते ही उसे याद आया कल दिन पहले ही मोहल्ले के एक शरारती लड़के ने उसका घोंसला उजाड़ दिया था। आज वही चिड़िया अपने घोंसले को बनाने के लिए एक-एक तिनका चुन-चुन कर इकट्टा कर रही थी और अपने घोंसले को बनाने में पूरी तन्मयता से जुटी हुई थी।

मेहनत से सब हासिल है

चिड़िया की इस मेहनत को देख कर डीफोस्ट की आंखें नम हो गईं। लेकिन चिड़िया से डिफोस्ट को नई शक्ति और बड़ी प्रेरणा मिली। उसने मन ही मन निश्चय कर लिया कि वह भी इस चिड़िया की तरह हार नहीं मानेगा और अपना सपना पूरा करने के लिए खूब मेहनत करेगा। 

डिफोस्ट ने काम के साथ पढ़ाई भी शुरू की। वह नए जूते बनाकर उन्हें धुप में सूखने के लिए रख देता और अपने इस खाली समय में वह गणित की किताबे पढ़ने में व्यस्त हो जाता और जब जूते सुख जाते, तो वह उस जूते को बनाने की बाद की प्रक्रीया में जुट जाता। इसी तरह डिफोस्ट ने मध्यिक स्तर से उच्च शिक्षा ग्रहण की और गणितज्ञ बन गया।

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