Ganesh Chaturthi 2021: गणेश उत्सव कल से, जानिए आपके शहर में क्या हैं त्योहार से जुड़ी गाइडलाइन्स
Ganesh Chaturthi 2021 गणेश चतुर्थी के अलावा देश में त्योहारों का सीज़न भी शुरू हो चुका है। लोग फेस्टिव मूड में भी आ गए हैं लेकिन इसी बीच हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि कोविड-19 महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ganesh Chaturthi 2021: गणपति बप्पा के घर आगमन का शुभ मुहूर्त बस आ ही गया है। भक्त बप्पा को अपने घर में लाने और उनके पूजा पण्डालों को सजानें की तैयार लगभग पूरी कर चुके हैं। इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर से मनाई जाएगी। अगले दस दिनों तक चारों ओर गणपति बप्पा मोरया! मंगलमूर्ति मोरया! के स्वर ही कानों में सुनाई देंगे। साथ ही आरती, मंत्रों और भजनों का गान भी होगा। गणेश महोत्व की धूम वैसे ख़ास महाराष्ट्र में रहती है, लेकिन बाकि कई राज्यों में भी इस पर्व को मनाया जाता है। देश में त्योहारों का सीज़न भी शुरू हो चुका है। लोग फेस्टिव मूड में भी आ गए हैं, लेकिन इसी बीच हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि कोविड-19 महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है। कोरोना की दूसरी लहर के घाव अब भी हम सभी के दिलों में ताज़ा हैं।
ऐसे में आप त्योहार ज़रूर मनाएं, लेकिन साथ ही ध्यान रखें महामारी और इसके फैलने का। मुंबई, दिल्ली, कर्नाटक और तमिलनाडु में गणेश चतुर्थी के दिशानिर्देश क्या हैं? जो आपके लिए जानना ज़रूरी है। महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में जनता को पंडालों में पूजा करने की अनुमति नहीं होगी। राज्य के गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पंडाल आयोजकों को भक्तों के लाभ के लिए पंडालों के ऑनलाइन दर्शन या लाइव प्रसारण की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई चार फीट तक हो सकती है और मंडलों की स्थापना के लिए स्थानीय प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है। दिशानिर्देशों में यह भी सलाह दी है कि लोग संगमरमर, धातु या मिट्टी की मूर्तियों की पूजा करें और अगर संभव हो तो उन्हें कृत्रिम तालाबों में विसर्जित करने का प्रयास करना चाहिए। पहले और अंतिम दिन जुलूस की अनुमति नहीं होगी; अंतिम दिन उत्सव का विसर्जन दिवस है। आयोजकों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बजाय स्वास्थ्य और रक्तदान शिविर लगाने को भी कहा गया है।
कर्नाटक
तमिलनाडु तमिलनाडु सरकार ने लॉकडाउन की पाबंदियों को 15 सितंबर की सुबह 6 बजे तक के लिए बढ़ा दिया है। भक्तों को मंदिरों के पास अपनी मूर्तियों को छोड़ने की अनुमति है। लोगों को पूजा या उत्सव को अपने घरों तक सीमित रखना चाहिए। पास के तालाब में मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति दी जाएगी, लेकिन जुलूस की अनुमति नहीं है।
दिल्ली सार्वजनिक स्थानों पर गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति नहीं होगी और लोगों को अपने घरों में ही जश्न मनाने की अनुमति होगी। टेंट या पंडाल या सार्वजनिक स्थानों पर भगवान गणेश की कोई मूर्ति स्थापित नहीं की जानी चाहिए। त्योहार मनाने के लिए किसी भी जुलूस को अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी धार्मिक या सामाजिक स्थल पर भीड़ जमा नहीं होने दी जाएगी।