Diwali 2021: इस बार मनाएं ईको-फ्रेंडली दिवाली, घर को करें इन 3 तरह के दियों से रोशन
Diwali 2021 आप हर दिवाली पर LED लाइट्स का इस्तेमाल करते हैं और इसमें कोई शक़ नहीं कि यह घर की सजावट में चार चांद लगा देती हैं। लेकिन इस बार क्यों न पर्यावरण का ख़्याल रखते हुए इन लाइट्स की जगह इको-फ्रेंडली दियों का इस्तेमाल किया जाए?
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diwali 2021: दीपों का त्योहार दिवाली अब कुछ ही दिन दूर है। ख़ुशियों और रोशनी के इस पर्व को भारत में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। पटाखों और दीयों की रोशनी से पूरा देश जगमगा उठता है। इस त्योहार में हर जगह रोशनी और दिये देख दिल को बहुत अच्छा लगता है, लेकिन इस दौरान हमें इस बात का भी ख़्याल रखना चाहिए कि हम किसी तरह पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं।
आप हर दिवाली पर LED लाइट्स का इस्तेमाल करते हैं, और इसमें कोई शक़ नहीं कि यह घर की सजावट में चार चांद लगा देती हैं। लेकिन इस बार क्यों न पर्यावरण का ख़्याल रखते हुए इन लाइट्स की जगह इको-फ्रेंडली दियों का इस्तेमाल किया जाए? जी हां, दिये आपके घर के हर कोने को तो जगमग करेंगे ही साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुचाएंगे। आज हम बता रहे हैं ऐसे तीन तरह के दियो के बारे में जिनका आप इस्तेमाल कर सकती हैं।
तीन तरह के इको-फ्रेंडली दिये
मिट्टी के दिये
इस बार दिवाली पर सिर्फ मिट्टी के दीयों का उपयोग करें और घर को रोशन करें। मिट्टी के दीयों से न सिर्फ पर्यावरण के नुकसान नहीं पहुंचता, बल्कि कुम्हार और छोटे व्यापारियों को आर्थिक मदद भी मिल सकेगी। मिट्टी के दीयों के प्रयोग से बिजली की भी बचत होगी।
बांस से बने दिये
मिट्टी के अलावा आप बैम्बू से बने दियों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह दिखने में भी काफी ट्रेंडी लगते हैं और साथ ही पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाते। ये आपको कई शेप, साइज़, कीमत और डिज़ाइन में मिल जाएंगे। इनके इस्तेमाल से पर्यावरण तो बचेगा ही साथ ही इस पहल से गांवों और दूरदराज़ के क्षेत्रों में महिलाओं की मदद भी होगी क्योंकि इससे रोज़गार पैदा होंगे।
गोबर से बने दिये
इस बार की दिवाली को कुछ अलग तरीके से मनाने के लिए आप गाय के गोबर से बने दियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पीओपी वाले दियों से जल प्रदूषण होता है लेकिन पिछले कुछ समय से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए गाय के गोबर के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बार दिवाली पर पारंपरिक मिट्टी के दीयों की जगह एक अलग तरीके के दीयों को आज़मा सकते हैं।