Children's Day 2021: आज है बाल दिवस, जानें-इसका इतिहास और महत्व

पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अगाध स्नेह था। उनका कहना था कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं। चाचा नेहरू प्यार से बच्चों को गुलाब का फूल भी कहते थे। बच्चे भी उन्हें बेहद प्यार करते हैं। इसके लिए बच्चे भी उन्हें चाचा कहते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 10:02 AM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 10:02 AM (IST)
Children's Day 2021: आज है बाल दिवस, जानें-इसका इतिहास और महत्व
देश के स्वर्णिम विकास के लिए बच्चों का विकास जरूरी है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Children's Day 2021: आज बाल दिवस है। यह हर साल 14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है। देश में पहली बार साल 1959 में मनाया गया था। यह दिन बच्चों के लिए बेहस खास होता है। आसान शब्दों में कहें तो यह दिन बच्चों के लिए समर्पित होता है। विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों को बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अगाध स्नेह था। उनका कहना था कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं। चाचा नेहरू प्यार से बच्चों को गुलाब का फूल भी कहते थे। बच्चे भी उन्हें बेहद प्यार करते हैं। इसके लिए बच्चे भी उन्हें चाचा कहते हैं। चाचा नेहरू हमेशा कहते थे कि देश के स्वर्णिम विकास में बच्चे की अहम भागीदारी के लिए बच्चों को शिक्षित होना जरूरी है। आइए, बाल दिवस का इतिहास और महत्व जानते हैं-

बाल दिवस का इतिहास

इतिहासकारों की मानें तो साल 1925 में बाल कल्याण के लिए विश्व सम्मेलन में बाल दिवस मनाने का प्रस्ताव पेश किया गया। इसके बाद 1 जून, 1950 स बाल दिवस मनाया जाने लगा। वहीं, साल 1954 में बाल दिवस मनाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मिति से पास कर दिया गया। जबकि, साल 1959 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने बाल अधिकार के घोषणापत्र को स्वीकार किया और साल 1989 में स्वीकार कर लिया। हालांकि, दुनियाभर में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। वहीं, भारत में14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन चाचा नेहरू का जन्मदिन है। अतः भारत में 14 नंवबर को बाल दिवस मनाया जाता है। देश में इसे पहली बार सन 1959 में मनाया गया था।

बाल दिवस का महत्व

बाल दिवस का विशेष महत्व है। बच्चे देश के भविष्य होते हैं। इसके लिए देश के स्वर्णिम विकास के लिए बच्चों का विकास जरूरी है। इस दिन स्कूल और कालेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में बच्चों को जागरुक किया जाता है। साथ ही चाचा नेहरू को याद किया जाता है।

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