सशस्त्र सेना झंडा दिवस 2021: हवा, पानी, जमीन में भारत की ताकत को दर्शाती हैं देश की तीनों सेनाएं

Armed Forces Flag Day 2021 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों से उनकी इच्छानुसार फंड जुटाना होता है। तो इस अवसर पर जानेंगे भारतीय सेना के ताकत के बारे में विस्तार से।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:52 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:52 AM (IST)
सशस्त्र सेना झंडा दिवस 2021: हवा, पानी, जमीन में भारत की ताकत को दर्शाती हैं देश की तीनों सेनाएं
पहाड़ों पर बंदूक चलाते सेना के जवान

आज पूरा देश सशस्त्र सेना झंडा दिवस मना रहा है। हमारे जांबाज सैनिकों के कल्याण के लिए लोगों से उनकी इच्छानुसार फंड जुटाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। आज इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं देश की तीनों सेनाओं यानी एयरफोर्स, नेवी और आर्मी के बारे में, जो हवा, पानी, जमीन में भारत की ताकत को दर्शाती हैं। ये बातें आपको गर्व महसूस कराएंगी।

भारतीय सेना- दुनिया की चौथी बड़ी सेना

72,000 सिग सोर असॉल्ट राइफलों से सेना की ताकत बढ़ गई है।

रूस की घातक एके-203 राइफल जल्द भारतीय सेना को मिलने वाली है।

बोफोर्स तोप, ब्रहोस, अग्नि व एंटी टैंक गाइडेड मिसाल समेत कई ऐसे हथियार हैं, जो सेना को मजबूती देते हैं।

आधुनिक पिस्टल और इंसासल, असाल्ट व स्नाइपर राइफल, माउजर, मशीन गन भी आर्मी की बड़ी ताकत हैं।

अर्जुन, टी-90 भीष्म टैंक का नाम सुनते ही दुश्मन के होश उड़ जाते हैं।

एयरफोर्स- हवा में भी ताकतवर

राफेल जेट्स के आने से वायुसेना की ताकत में जबर्द्स्त इजाफा हुआ है।

हैमर, लेज गाइडेड मिसाइलों से ताकत और बढ़ी है।

तेजस फाइटर जेट और उसकी बियांड विजुवल रेंज अस्त्र मिसाइल से दुश्मन भी घबराते हैं।

सुखोई, मिग-29, मिग-21 बाइसन, जगुआर जैसे लड़ाकू विमान भी शामिल हैं।

इंडियन नेवी- पानी में दुश्मन का विनाश

भारतीय नेवी की शान है आईएनएस विक्रमादित्य।

करीब 45,000 किलो वजन वाले विक्रमादित्य पर लड़ाकू विमान, कई युद्धक साजो-सामान इंस्टॉल हैं।

नेवी के पास आईएऩएस अरिहंत नाम की परमाणु पनडुब्बी भई है।

पनडुब्बी आईएनएस करंज कमीशन है, जो नौसेना की तीसरी पनडुब्बी है, जो परमाणु हमला करने में सक्षम है।

घातक मिसाइलों का जखीरा

- ब्रह्मोस एक मल्टी मिशन बैलिस्टिक मिसालइल है। समंदर, जमीन, आकाश से दुश्मन को निशाना बनाने में सक्षम।

- मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल यानी एमआर-एसएएम बेहद घातक है। ये मिसालइल 70-100 किलोमीटर तक दूरी को भेदने में कारगर है।

- इससे लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, सुपरसोनिक क्रूज मिसालइ, यूएवी, सब सोनिक और ड्रोन को नष्ट कर सकते हैं।

- वहीं आकाश व पिनाका भई काफी लंबे रेंज तक दुश्मन पर वार करने में सक्षम हैं।

- पृथ्वी मिसाल के तीन वर्जन हैं- पृथ्वी-1, पृथ्वी-2, पृथ्वी-3। तीनों क्रमशः आर्मी, एयरफोर्स, नेवी के लिए बनी है।

- वहीं, प्रहार कम रेंज वाली मिसाइल है। यह भी तीनों सेनाओं के लिए बनाई गई है।

- अग्नि-5 की रेंज 5 से 8 हजार किमी है, इसकी जद में चीन समेत कई देश हैं।

Pic credit- freepik

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