World Hepatitis Day 2021: आखिर कैसे होता है हेपेटाइटिस, इसके लक्षण ज़रूर जान लें!

World Hepatitis Day 2021 हेपेटाइटिस-बी और सी लाखों लोगों में क्रॉनिक बीमारी का कारण बन रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये लीवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बनते हैं। हर साल 28 जुलाई को हेपेटाइटिस के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:17 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:29 AM (IST)
World Hepatitis Day 2021: आखिर कैसे होता है हेपेटाइटिस, इसके लक्षण ज़रूर जान लें!
आखिर कैसे होता है हेपेटाइटिस, इसके लक्षण ज़रूर जान लें!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Hepatitis Day 2021: हेपेटाइटिस लीवर की बीमारी होती है, जो वायरल संक्रमण की वजह से होती है। हेपेटाइटिस होने पर लीवर में सूजन आ जाती है। हेपेटाइटिस 5 तरह के होते हैं। हेपेटाइटिस- ए,बी,सी,डी और ई।

हेपेटाइटिस-बी और सी लाखों लोगों में क्रॉनिक बीमारी का कारण बन रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये लीवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बनते हैं। यह वजह है कि हर साल 28 जुलाई को दुनियाभर में हेपेटाइटिस के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। बच्चे को जन्म के बाद टीका लगवाकर हेपेटाइटिस से बचा जा सकता है।

गुड़गांव के पारस हॉस्पिटल में हेपटोलॉजी और गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी के एचओडी, डॉ. रजनीश मोंगा का कहना है कि "विभिन्न संक्रमणों (हेपेटाइटिस A से लेकर E तक) तथा फैट और शराब जैसे गैर-संक्रामक कारणों के कारण लीवर में हुई सूजन को हेपेटाइटिस कहते है। भारत में क्रोनिक हेपेटाइटिस B संक्रमण विश्व की तुलना में लगभग 11% है। हर साल भारत में एचबीवी संक्रमण के कारण करीब 115,000 मौतें होती हैं और बच्चे में इस संक्रमण के होने की सबसे ज्यादा संभावना होती हैं।"

हेपेटाइटिस कितने तरह के होते हैं

उजाला साइनस ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल के डायरेक्टर और फाउंडर डॉ. शुचिन बजाज ने बताया, "भारत में प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं में वायरल हेपेटाइटिस एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है। इसके साथ ही हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी क्रोनिक और घातक होते हैं, ये दोनों प्रकार भी भारत में ज़्यादा देखे जाते हैं। हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी दोनों वायरस 20 साल तक निष्क्रिय रह सकते हैं, बिना किसी चेतावनी के ये हालत को बदतर बना सकते हैं और लीवर में सिरोसिस की समस्या पैदा कर सकते हैं।"

हेपेटाइटिस ए- WHO के अनुसार हर साल 14 से ज़्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। ये दूषित खाने और पानी के ज़रिए फैलता है।

हेपेटाइटिस बी- हेपेटाइटिस बी संक्रमित सुई, ब्लेड, के इस्तेमाल करने से होता है। गर्भावस्था के प्रशव के समय संक्रमित माता से शिशु को हेपेटाइटिस बी हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल किये हुए सामान जैसे दाढ़ी की ब्लेड, टूथब्रश का उपयोग करने से भी हो सकता है।

हेपेटाइटिस सी- यह वायरस संक्रमित खून से फैलकर आपके लिवर को क्षति पहुंचाता है। जो भविष्य में फेलियर या कैंसर की भी वजह बन सकता है।

हेपेटाइटिस डी- यह तभी होता है जब रोगी को बी या सी का संक्रमण हो चुका हो। हेपाटाइटिस-डी वायरस बी पर सवार रह सकते हैं। इसलिए जो लोग हेपेटाइटिस से संक्रमित हो चुके हों, वे हेपाटाइटिस डी से भी संक्रमित हो सकते हैं। इससे स्थिति और नाज़ुक हो जाती है।

हेपेटाइटिस ई- दुनिया के ज्यादातर देशों में हेपेटाइटिस के संक्रमण का यही कारण है। यह दूषित पानी और खाने के कारण ज़्यादा होता है।

हेपेटाइटिस क्यों होता है?

गुरुग्राम के कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. आयुष ढींगरा का कहना है, " हेपेटाइटिस का मतलब उस अंग में सूजन होना होता है जो पोषक तत्वों को प्रोसेस्स (संसाधित) करता है, खून को फिल्टर करता है, और संक्रमण से लड़ता है। यह अंग लीवर होता है। लीवर में होने वाली सूजन को हेपाटाइटिस कहते हैं। जब लीवर में सूजन या डैमेज होता है, तो लीवर का कार्य प्रभावित हो सकता है। ज्यादा शराब पीने, विषाक्त पदार्थ, कुछ दवाएं और कुछ चिकित्सीय स्थितियां हेपेटाइटिस की समस्या को जन्म देती है।"

- ऑटोइम्यून कंडिशन

- एल्कोहल इनटेक

- लीवर के संक्रमण के कारण हेपेटाइटिस होता है, इस वायरल इंफेक्शन के कारण जान को ख़तरा भी बढ़ जाता है।

- वायरल इन्फेक्शन

- ज्यादा मात्रा में दवाई लेने से

हेपेटाइटिस के लक्षण

- ज़्यादा थकान रहना

- मतली/उल्टी

- पीलिया

- मूत्र का रंग गहरा हो जाना

- पेट दर्द और सूजन

- भूख कम लगना

- वज़न का घटना

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