World Blood Donar Day: ब्लड डोनेशन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जो हैं जानना आपके लिए जरूरी

World Blood Donar Day 2021 आंकड़ों के मुताबिक 25 परसेंट से ज्यादा लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है। तो वहीं भारत में हर साल 1.1 करोड़ ब्लड डोनेशन होते हैं। आइए जानते हैं इस लेख में कुछ ऐसे ही फैक्ट्स के बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:08 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:08 AM (IST)
World Blood Donar Day: ब्लड डोनेशन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जो हैं जानना आपके लिए जरूरी
हॉस्पिटल में ब्लड डोनेट करता हुए पुरुष

ब्लड एक ऐसी चीज़ है जिसे आर्टिफिशियल तरीके से बनाया नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति का कोई और विकल्प भी नहीं है। यह इंसान के शरीर में ही बनता है। कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की जरूरत पड़ जाती है। ऐसा कहा जाता है कि एक व्यक्ति ब्लड डोनेट करके कम से कम 3 लोगों की जान बचा सकता है। हालांकि, तमाम अवेयरनेस के बावजूद आज भी कई पढ़े-लिखे लोग ब्लड डोनेट करने से डरते हैं। इसकी वजह है ब्लड डोनेशन से जुड़े मिथक, तो आइए आज इसे दूर करने के लिए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें, जिससे आप भी इमरजेंसी में किसी को ब्लड देकर उससे खून का रिश्ता बना सकें।

ब्लड डोनेशन से जुड़े फैक्ट्स 

- 18 साल से ज्यादा उम्र के स्त्री-पुरुष जिनका वजन 50 किलो या ज्यादा हो, साल में तीन-चार बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

- ब्लड डोनेट करने योग्य लोगों में से अगर मात्र 3 परसेंट भी। खून दें तो देश में ब्लड की कमी दूर हो सकती है।

- 79 देशों ने अपनी ब्लड सप्लाई का 90 परसेंट वॉलट्री ब्लड डोनर्स से लिया है, जबकि 56 देशों ने आधे से ज्यादा ब्लड फैमिली, रिप्लेसमेंट या पेड डोनर्स से लिया।

- भारत में हर साल 1.1 करोड़ ब्लड डोनेशन होते हैं।

- एक बार ब्लड डोनेशन से आप 3 लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं।

- एक औसत व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी 5-6 लीटर ब्लड होता है।

- ब्लड डोनेशन में केवल 1 यूनिट ब्लड ही लिया जाता है।

- हमारे शरीर में कुल वजन का 7% हिस्सा खून होता है।

- भारत में सिर्फ 7% लोगों का ब्लड ग्रूप ओ निगेटिव है।

- ओ निगेटिव ब्लड ग्रूप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रूप के व्यक्ति को दिया जा सकता है।

- देश में हर साल लगभग 250 सीसी की 4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है, जबकि सिर्फ 5 लाख यूनिट ब्लड ही मुहैया हो पाता है।

- इमरजेंसी के समय जैसे जब किसी नवजात बालक या अन्य को खून की आवश्यकता हो तो उसका ब्लड ग्रूप न पता हो तब उसे ओ निगेटिव ब्लड दिया जा सकता है।

- आंकड़ों के मुताबिक, 25 परसेंट से ज्यादा लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है।

Pic credit- freepik

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