World Asthma Day: आयुर्वेद की मदद से भी संभव है अस्थमा को कंट्रोल करना

World Asthma Day अस्थमा को पूरी तरह से ठीक तो नहीं किया जा सकता है लेकिन काफी हद तक कंट्रोल जरूर किया जा सकता है। जिसमें योग व्यायाम के साथ ही प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार भी मदद करते हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 01:50 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 01:50 PM (IST)
World Asthma Day: आयुर्वेद की मदद से भी संभव है अस्थमा को कंट्रोल करना
नींबू, अदरक, दालचीनी के साथ प्याली में रखी चाय

Covid19 आने के बाद से लोग स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोग योग, एक्सरसाइज़ और बैलेंस डाइट के साथ ही कई तरह के प्राचीन आयुर्वेदिक उपचारों का भी सहारा ले रहे हैं। आज वर्ल्ड अस्थमा डे है। तो आपको बता दें अस्थमा एक आम, पुरानी बीमारी है जिसमें ब्रोन्कियल सूजन शामिल है। अस्थमा बहुत ज्यादा वायु संवेदनशीलता के लक्षणों को प्रदर्शित करता है। अचानक वायु मार्ग का संकुचन - जिसे एपिसोड भी कहा जाता है - जिससे घरघराहट, खांसी होती है, फेफड़ों पर दबाव बढ़ जाता है, तेज हृदय गति, छाती में जकड़न, और बलगम उत्पादन में वृद्धि होती है। जो कोविड के साथ गंभीर हो सकता है।

तो यहां हम कुछ ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे में जानेंगे जो अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद होती हैं।

हर्बल चाय 

अजवायन, तुलसी, काली मिर्च और अदरक मिलाकर चाय तैयार करें और इसे दिन में एक से दो बार पिएं। 

वासका

वासाका एक शक्तिशाली भारतीय जड़ी बूटी है जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अत्यधिक बलगम स्राव के इलाज के लिए जाना जाता है। एक चम्मच वासाका दिन में दो बार दो चम्मच शहद के साथ लेने का सुझाव दिया जाता है।

यष्टिमधु 

यष्टिमधु, एक लकड़ी की जड़ है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। ये ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लक्षणों से राहत देता है। एक कप यष्टिमधु दिन में तीन बार लेने से अस्थमा रोगियों को राहत मिलेगी।

तुरंत राहत के उपाय

काली मिर्च, शहद और प्याज के रस के मिश्रण का सेवन करें।

छाती पर गर्म पानी का तौलिया रखने से छाती की मांसपेशियों को आराम मिलता है और नियमित रूप से सांस लेने में मदद मिल सकती है।

गतिविधियां और सावधानियां

व्यायाम के कई फायदे हैं, जैसा कि हम सभी जानते हैं। तो अस्थमा के रोगियों के लिए तैराकी (स्वीमिंग) बेहद फायदेमंद है। जब तक व्यक्ति को क्लोरीन से एलर्जी न हो। 

(Dr Smita Naram, Ayushakti की Co-founder से बातचीत पर आधारित)

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