COVID-19 and Diabetes:कोरोना के बाद डायबिटीज का खतरा होता है ज्यादा, एक्सपर्ट से जानिए कैसे करें बचाव
COVID-19 and Diabetes विशेषज्ञ के मुताबिक यह बीमारी उन लोगों में भी देखने को मिली है जिनमें यह पहले से नहीं थी चिकित्सक इसे कोविड-19 से हुई डायबिटीज़ कह रहे हैं। तनाव मोटापा और बीमारी के दौरान स्टेरॉयड का अधिक सेवन जिम्मेदार है।
नई दिल्ली, शाहीना नूर। लाइफस्टाइल और खान-पान से पनपने वाली बीमारी डायबिटीज अब कोरोनावायरस की वजह से भी लोगों में पनप रही है। कोरोना से संक्रामित जिन लोगों को पहले डायबिटीज नहीं थी, उन्हें कोरोना से रिकवर होने के बाद यह बीमारी हो गई है। पोस्ट कोविड 25-30 फीसदी लोगों में कोरोना के बाद डायबिटीज की बीमारी हो रही है, जिन लोगों को यह बीमारी हो रही है उन सभी की उम्र 30-40 साल के बीच देखी गई है। परेशानी इस बात की है कि कोरोना से रिकवर होने के कई महीनों बाद भी लोगों को इस बीमारी का पता नहीं लगता, स्थिति बिगड़ने पर ही बीमारी का पता लग पाता है।
कोरोनावायरस अभी हमारे साथ है और पता नहीं कब तक रहेगा, इसलिए इस बीमारी से रिकवर होने के बाद शुगर जैसी बीमारी से बचाव करना बेहद जरूरी है। अब सवाल यह उठता है कि कोरोना के बाद बॉडी में शुगर की बीमारी क्यों पनपती है, और क्या यह बीमारी हमेशा रहती है। ऐसे बहुत सारे सवाल है जिनका जवाब सेंट स्टीफन हॉस्पिटल में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट विभाग की सीनियर डॉक्टर कोमल सुखेजा दे रही है। आइए जानते हैं कि कोरोना के बाद शुगर किस तरह परेशान करता है और इससे कैसे बचाव करें।
कोरोना संक्रमण के बाद शुगर बढ़ने के कारण:
कोरोनावायर बॉडी में प्रवेश करके पेनक्रियाज के बीटा सेल में चिपक जाता है और पेनक्रियाज के इंसुलिन बनाने की क्षमता को प्रभावित करता है। जब इंसुलिन बनना कम हो जाए तो मरीज़ डायबिटीज का शिकार हो जाता है।
विशेषज्ञ के मुताबिक यह बीमारी उन लोगों में भी देखने को मिली है जिनमें यह पहले से नहीं थी, चिकित्सक इसे कोविड-19 से हुई डायबिटीज़ कह रहे हैं। इस बीमारी के कई कारण हैं जैसे कोरोना संक्रमण और बीमारी के चलते लोग काफ़ी तनाव में आ जाते हैं जिसकी वजह से उनका शुगर का लेवल बढ़ने लगता है।
इलाज के दौरान स्टेरॉयड के सेवन से भी शुगर की मात्रा बढ़ती है।
किन लोगों को इस बीमारी का खतरा अधिक:
कोरोनावायरस से रिकवर हुए हर मरीज़ को यह बीमारी नहीं होती। काफी मरीज़ ऐसे हैं जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है लेकिन उनमें लक्षण मौजूद नहीं होते और वो खुद ही ठीक भी हो जाते हैं। यह बीमारी उन मरीज़ों को होती है जिनकी स्थिति कोरोना के दौरान गंभीर हो जाती है जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। ऐसे मरीज़ों को इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिया जाता है जिसकी वजह से उनका शुगर स्तर बढ़ने लगता है। शुगर की बीमारी में फैमिली हिस्ट्री, मोटापा खास रिस्क फैक्टर हैं जिनकी वजह से इस बीमारी के बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है।
क्या कोरोना के बाद शुगर अपने आप ठीक हो जाती है?
डॉ कोमल बताती है कि यह वायरस अंजान वायरस है जो इंसुलिन बनाने की क्षमता तक को प्रभावित कर सकता है। जिन लोगों की इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होती है उनमें शुगर की बीमारी कुछ ही महीनों में खत्म भी हो जाती है।
इस बीमारी से बचाव कैसे करें:
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है इसलिए अपना बचाव करना जारी रखें। आप तनाव को कम करें और स्ट्रेस फ्री रहें। समय-समय पर अपनी स्क्रीनिंग कीजिए। घर में शुगर की फैमिली हिस्ट्री है तो तुरंत अपना चेकअप कराएं। अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाए, समय पर सोए समय पर खाएं। अपने वज़न को कंट्रोल करें। बढ़ता वज़न सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है। जंकफूड से परहेज़ करें। लॉकडाउन में लोगों ने केक और कुकीज़ का ज्यादा सेवन किया है इससे अब दूरी बनाएं यह आपकी शुगर बढ़ाने में जिम्मेदार हैं। हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट की एक्सरसाइज जरुर करें। लगातार शुगर चेक करते रहें शुगर का लेवल 180 से ऊपर जाते ही फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।