Misophonia Symptoms & Treatment: कहीं आपको भी तो खास तरह की आवाज़ों से चिढ़ तो नहीं? जानिए मीसोफोनिया के लक्षण और उपचार

Misophonia Symptoms Treatment कुछ खास तरह की आवाजों जैसे सांस लेने की आवाज खाना खाने के दौरान होने वाली आवाज पेन की क्लिक करने की आवाज घड़ी की सुई की आवाज से मिसोफोनिया से ग्रस्त व्यक्ति को तनाव गुस्सा या चिड़चिड़ाहट होने लगती है।

By Shahina NoorEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:59 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:59 PM (IST)
Misophonia Symptoms & Treatment: कहीं आपको भी तो खास तरह की आवाज़ों से चिढ़ तो नहीं?  जानिए मीसोफोनिया के लक्षण और उपचार
मिसोफोनिया डिसऑर्डर का इलाज बिहेवियरल थेरेपी से किया जाता है।

नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। आप किसी के साथ खाना खा रहे हैं तो दूसरे की डकार लेने की आवाज, छींकने और खाने की आवाज़ क्या आपके मिजाज़ में चिड़चिड़ापन पैदा करती है? कुछ खास तरह की आवाज़ों से आप इरिटेट हो जाते हैं तो आपकी यह आदत नहीं बल्कि यह मिसोफोनिया का लक्षण है। मिसोफोनिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है। जिस इनसान को यह ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी होती है, उसका ब्रेन इस तरह की आवाजों को तुरंत कैच कर लेता है और फिर उसका फोकस वहीं बना रहता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण कौन-कौन से हैं और उनका उपचार कैसे करें।

मिसोफोनिया के लक्षण:

सांस लेने की आवाज, खाना खाने के दौरान होने वाली आवाज, पेन की क्लिक करने की आवाज, घड़ी की सुई की आवाज, किसी के कुछ निगलने की आवाज या कुछ चाटने की आवाज से दिमाग में खलबली मचना शामिल है। इन आवाजों के कारण मिसोफोनिया से ग्रस्त व्यक्ति को तनाव, गुस्सा या चिड़चिड़ाहट होने लगती है।

मिसोफोनिया पर रिसर्च में हुआ खुलासा:

एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मेसोफोनिया का कोई वैज्ञानिक कारण अभी तक सामने नहीं आया है। यह अध्ययन Current Biology sheds जर्नल में पब्लिश हुआ है। अभी इस विषय पर रिसर्च जारी है कि आखिर इस तरह के साउंड को स्कैन करके ब्रेन में किस तरह का इमोशन पैदा होता है।

इस बीमारी पर हुई रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि मेसोफोनिया से पीड़ित लोगों में ब्रेन का इंटीरियर इंसुलर कॉरटेक्स बहुत एक्टिव होता है। रिसर्च में यह भी सामने आया कि जो लोग मेसोफोनिया से ग्रसित होते हैं, उन्हें अपनी डेली रुटीन लाइफ में अजस्टमेंट करना पड़ता है।

मिसोफोनिया डिसऑर्डर का इलाज:

 इस बीमारी का इलाज बिहेवियरल थेरेपी से किया जाता है। इसमें कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी और टिन्नीटस मिसोफोनिया से मरीज का इलाज किया जाता है। इसके अलावा मिसोफोनिया की बीमारी में साइकॉलोजिस्ट लाइफस्टाइल और बिहेवियर में बदलाव करने का सुझाव देते हैं। रात को सोने के समय में सुधार, तनाव के स्तर में कमी, रोजाना एक्सरसाइज और पोषक आहार से इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है। 

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