उम्रदराज लोग ही नहीं, बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से अब युवा भी हो रहे हैं ब्रेन स्ट्रोक का ज्यादा शिकार

हेल्दी लाइफस्टाइल आपके शरीर को ही नहीं दिमाग को भी तंदुरुस्त रखने का काम करती है। इसकी कमी से मोटापा ब्लड प्रेशर डायबिटीज़ ही नहीं ब्रेन स्ट्रोक जैसी परेशानी भी हो सकती है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और वजहें।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 10:38 AM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 10:38 AM (IST)
उम्रदराज लोग ही नहीं, बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से अब युवा भी हो रहे हैं ब्रेन स्ट्रोक का ज्यादा शिकार
दिमाग की नसों को दिखाती एक तस्वीर

ब्रेन अटैक या ब्रेन स्ट्रोक के बारे में आप कितना जानते हैं? इसके लेकर कम जानकारी के चलते ज्यादातर लोग लापरवाह रहते हैं। जो आगे चलकर बड़ी मुसीबत बन सकता है। ये सोचना बहुत बड़ी गलती है कि ब्रेन स्ट्रोक का शिकार उम्रदराज लोग ही होते हैं। अब ये बीमारी युवाओं में भी देखने को मिल रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल है। जिस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

क्या है ब्रेन स्ट्रोक मर्ज

जब दिमाग की कोई नस अचानक से ब्लॉक हो जाती है या फट जाए तो उसे ब्रेन स्ट्रोक कहा जाता है। जिसमें दिमाग में खून की सप्लाई रूक जाती है और इसका सीधा असर दिमाग के फंक्शन पर पड़ता है। जो बेहद खतरनाक स्थिति है। वैसे तो ये अटैक कभी भी हो सकता है, लेकिन इसके ज्यादातर मामले सुबह देखने को मिलते हैं, क्योंकि उस वक्त ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है।

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

- शरीर को कोई एक हिस्सा पैरेलाइज़ हो जाना।

- देखने में परेशानी होना।

- चेहरा टेढ़ा हो जाना।

- उल्टियां होना।

- हाथ या पैर सुन्न होना।

- बोलने में परेशानी होना।

- चक्कर आना।

ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज में  क्या है फर्क

ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज को लेकर कन्फ्यूज़ हैं तो बता दें कि ब्रेन हेमरेज, स्ट्रोक का ही एक प्रकार है। जब दिमाग की नसें खून की सप्लाई कम कर दें तो उसे टीपीए (ट्रासिएट एस्केमिक स्ट्रोक) कहा जाता है। अगर नसें ब्लॉक हो जाए तो एस्केमिक स्ट्रोक कहा जाता है और अगर नस फट जाए तो ये ब्रेन हेमरेज होता है।

कौन बन सकता है इसका शिकार

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि ब्रेन स्ट्रोक किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों में इसकी आशंका ज्यादा होती हैः-

1- अगर ब्रेन स्ट्रोक की फैमिली हिस्ट्री है तो

2- स्मोकिंग करने वालों को

3- हार्ट पेशेंट्स को

4- डायबिटीज के मरीजों को

5- बैड कॉलेस्ट्रॉल लेवल ज्यादा होने पर 

6- ब्लड प्रेशर के पेशेंट्स को।

Pic credit- freepik

chat bot
आपका साथी