Treatment Of High Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हैं, जानिए कैसे रखें इसे कंट्रोल में
Treatment Of High Cholesterol कॉलेस्ट्रॉल लेवल बहुत ज्यादा बढ़ने से कई घातक बीमारियां जैसे हार्ट अटैक हार्ट फेल्योर कार्डिअक अरेस्ट और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। कॉलेस्ट्रोल बढ़ोतरी के लिए खराब खानपान के अलावा अन्य कई कारण भी जिम्मेदार हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। शरीर में लिवर द्वारा निर्मित वसा जैसे पदार्थ को कोलेस्ट्रॉल या लिपिड कहते हैं। बॉडी की अलग-अलग क्रियाओं के लिए शरीर में उचित मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होना जरूरी है। कोलेस्ट्रॉल विटामिन ए, डी, ई और के को शरीर में अवशोषित करने में भी मदद करता है। हालांकि, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। कॉलेस्ट्रॉल लेवल बहुत ज्यादा बढ़ने से कई घातक बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, कार्डिअक अरेस्ट और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है। कॉलेस्ट्रोल में बढ़ोतरी के लिए खराब खानपान की आदतें ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि अन्य कई कारण हैं जो बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लिए कौन-कौन से कारक जिम्मेदार हैं और उसे कैसे करें कंट्रोल।
डाइट में इन चीज़ों से करें परहेज़:
आप ऐसे आहार का सेवन करें, जिसमें सैच्युरेटेड फैट की मात्रा अधिक हो तो खून में एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। मीट, डेयरी उत्पाद, अंडा, नारियल तेल, पाम ऑइल, मक्खन, चॉकलेट्स, बहुत ज्यादा तली-भुनी चीजें, प्रोसेस्ड फूड और बेकरी उत्पाद कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इन चीज़ों से परहेज करें।
लाइफस्टाइल को बेहतर करें:
अगर आप पूरा दिन बैठे रहते हैं तो इससे भी खून में एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है और गुड कोलेस्ट्रॉल का सुरक्षात्मक प्रभाव कम होने लगता है। इसके अलावा मोटापे की समस्या भी खून में फैट के सर्कुलेशन को बाधिक करती है। इसलिए जरूरी है कि आप वॉक करें। हफ्ते में 3 से 4 बार 45 मिनट के लिए ऐरोबिक एक्सरसाइज करें।
मोटापा कंट्रोल करें:
मोटापा से भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। अगर आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है, तो आपका वजन धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है। इससे हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक, टाइप 2 डायबिटीज, स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मोटापे को कंट्रोल रखें।
स्मोकिंग से भी बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल:
स्मोकिंग करने से रक्त धमनियां कठोर होने लगती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है, दिल की ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ने लगती है और इस कारण फैट मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारी हो सकती है जिससे खून में गुड कोलेस्ट्रॉल या एचडीएच का लेवल घटने लगता है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा वॉक करें, रनिंग करें, जॉगिंग करें, स्विमिंग और डांसिंग आदि भी आपको सक्रिय बनाए रखने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करेंगे।
कई बीमारियां भी हो सकती हैं:
पीसीओएस, हाइपोथायरायडिज्म, डायबिटीज, किडनी डिजीज, एचआईवी और ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे रुमेटायड आर्थराइटिस, सोरायसिस आदि की वजह से भी कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है। इसलिए जरूरी टेस्ट कराके इस बीमारी का उपचार करें।