COVID-19 Vaccination: कोविड-19 वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में कौन-से दस्तावेज़ साथ रखने होंगे?
COVID-19 Vaccination केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जो हेल्थ केयर या फ्रंटलाइन वर्कर्ज़ वैक्सीनेशन के पहले चरण में टीका नहीं लगवा पाए थे वे भी अपनी पसंद के टीकाकरण केंद्र का चयन कर दूसरे चरण में वैक्सीन लगवा सकते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। COVID-19 Vaccination: देश भर में आज से कोरोना वायरस वैक्सीन के दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है। केंद्र सरकार ने बताया है कि वैक्सीन के दूसरे चरण के लिए जिन लोगों की उम्र 60 से ज़्यादा है और 45 की उम्र के लोग जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, वे तीन तरह से वैक्सीन के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के लिए 250 रुपए तक की कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं, सरकारी केंद्रों में कोरोना वैक्सीनेशन मुफ्त में लगाई जाएगी।
साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जो हेल्थ केयर या फ्रंटलाइन वर्कर्ज़ वैक्सीनेशन के पहले चरण में टीका नहीं लगवा पाए थे, वे भी अपनी पसंद के टीकाकरण केंद्र का चयन कर दूसरे चरण में वैक्सीन लगवा सकते हैं।
ऐसे करना होगा वैक्सीन के लिए रेजिस्टर
शुक्रवाक को हुई मीटिंग के दौरान, केंद्र सरकार ने राज्यों को बताया था कि लोग वैक्सीन के लिए तीन तरह से रेजिस्टर करवा सकते हैं। पहला, खुद से रेजिस्टर करना, जिसमें व्यक्ति को Co-Win 2.0 ऐप के ज़रिए खुद को वैक्सीन के लिए रेजिस्टर करवाना होगा, दूसरा आरोग्य सेतू ऐप के ज़रिए भी वैक्सीन के लिए रेजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। वहीं, जो लोग मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते, वे वैक्सीन सेंटर पर जा कर खुद भी रेजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
किस तरह के डॉक्यूमेंट्स की होगी ज़रूरत?
राज्यों को उन दस्तावेज़ों के बारे में भी बताया गया, जो लाभार्थियों को वैक्सीनेशन के दिन ले जाने होंगे। वैक्सीनेश रेजिस्ट्रेशन के लिए आपको आधार कार्ड या फिर इलेक्शन कार्ड, या आधार और इलेक्शन कार्ड न होने पर ऑनलाइन रेजिस्टर कराते समय वहां मांगा गया कोई भी फोटो आईडी कार्ड, अगर आपकी उम्र 45 या उससे ऊपर है और आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आपको उससे जुड़े दस्तावेज़ दिखाने होंगे जिसमें डॉक्टर के हस्ताक्षर की भी ज़रूरत पड़ सकती है। वहीं अगर आप हेल्थ केयर या फ्रंटलाइन वर्कर हैं, तो आपको अपना रोज़गार प्रमाणपत्र दिखाना होगा।
निजी अस्पतालों को जनता को टीका लगाने की अनुमति है, लेकिन उन्हें अपना निवेश खुद करना होगा, जबकि सरकार का काम केवल उन्हें वैक्सीन स्टॉक उपलब्ध कराना है। अस्पतालों उपकरणों के लिए को खुद निवेश करना होगा और रेफ्रिजरेटर के लिए पॉवर बैकअप की व्यवस्था भी खुद करनी होगी।