Giloy For Coronavirus: कोरोना से बचना है, तो रोज़ करें गिलोय का इस्तेमाल, इम्यून रहेगा मजबूत
Giloy CanTreat Coronavirusइम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए भारतीय आयुर्वेद में कई तरह के नुस्खे बताए गए हैं लेकिन इनमें से गिलोय का महत्व सबसे अधिक है। गिलोय के सेवन से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना महामारी के इस दौर में हर कोई इम्यून सिस्टम को मजबूत करने पर जोर दे रहा है। डॉक्टर इम्यून को मजबूत करने के लिए गिलोय का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने शरीर में इम्यून मजबूत करने के लिए कई तरह के नुस्खे भी सुझाए हैं, जिसमें से एक गिलोय है। कोरोना से निपटने के लिए अब तक कोई कारगर उपाय नहीं खोजा जा सका है। इसलिए डॉक्टरों का मानना हैं कि अगर व्यक्ति का इम्यून सिस्टम मजबूत हो तो वह कोरोना से आसानी से लड़ सकता है।
इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए भारतीय आयुर्वेद में कई तरह के नुस्खे बताए गए हैं, लेकिन इनमें से गिलोय का महत्व सबसे अधिक है। गिलोय के सेवन से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। दरअसल, शरीर की रक्त कोशिकाएं दो तरह की होती है- लाल रक्त कोशिकाएं यानी आरबीसी और श्वेत रक्त कोशिकाएं यानी डब्ल्यूबीसी।
श्वेत रक्त कोशिकाएं और मजबूत हो तो शरीर में बाहरी रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाती है। गिलोय या गुरुच ऐसी चीज है, जो सीधी तौर पर डब्ल्यूबीसी को मजबूत करती है। इसलिए गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए असरदार है। आइए जानते हैं गिलोय के कुछ आवश्यक गुण-
1 गिलोय में तीन तरह के एल्केलाइड
गिलोय में तीन प्रकार के एल्केलाइड- गिलोइनिन, ग्लूकोसाइड और बरबेरिन पाए जाते हैं, जो श्वेत रक्त कणिकाओं (डब्लूबीसी) को बढ़ाते हैं और अधिक संख्या में डब्लूबीसी, शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण करते हैं। इसीलिए गिलोय को इम्यूनो बूस्टर भी कहा जाता है।
2. गिलोय जूस
गिलोय जूस या सत्व का नियमित सेवन शरीर की इम्युनिटी पावर तो बढ़ाता ही है, साथ ही सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।
3 गिलोय में एंटीपायरेटिक गुण
गिलोय में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो पुराने से पुराने बुखार को भी ठीक कर देता है। इसी वजह से मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसे गंभीर रोगों में होने वाले बुखार से आराम दिलाने के लिए गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। बाबा रामदेव गिलोय के असरकारी गुण की हमेशा चर्चा करते हैं। वे चिकनगुनिया बुखार की दवा के रूप में भी इसका इस्तमाल करने की सलाह देते हैं।
4 गिलोय में कई तरह के तत्व
गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा, गिलोय में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक, कैल्शियम और मैग्नीज भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
5. गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसलिए यह सांसों से संबंधित रोगों से आराम दिलाने में प्रभावशाली है। गिलोय कफ को नियंत्रित करता है, साथ ही साथ इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाता है, जिससे अस्थमा और खांसी जैसे रोगों से बचाव होता है और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
6. किडनी संबंधित बीमारी में भी रामबाण
गिलोय के सेवन से शरीर में इन्सुलिन का स्राव बढ़ता है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है। इस तरह यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी औषधि है।
7. स्किन प्रोब्लम भी सही करता
गिलोय स्किन प्रोब्लम को भी सही करता है। त्वचा संबंधी रोगों और एलर्जी को दूर करने में भी सहायक है। अर्टिकेरिया में त्वचा पर होने वाले चकत्ते हों या चेहरे पर निकलने वाले कील मुंहासे, गिलोय इन सबको ठीक करने में मदद करता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
Written By : Shahina Noor