कोरोना की पूरी फैमिली का खात्मा करेगी यूनिवर्सल वैक्सीन
यह वैक्सीन सार्स-कोव-2 के साथ-साथ अन्य कोरोना वायरसेज के खिलाफ भी सुरक्षा देगी। इसे यूनिवर्सल वैक्सीन कहा जा रहा है जो हर तरह के वैरिएंट्स पर कारगर होगी। साथ ही भविष्य में आने वाली ऐसी किसी भी महामारी को रोकने में मदद मिलेगी।
कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रही दुनिया अब नए-नए वेरिएंट्स से परेशान है। महामारी की शुरुआत से ही कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है। ऐसे में कुछ अमेरिकी रिसर्चर्स ने बचाव के लिए एक खास वैक्सीन डिजाइन की है। यह वैक्सीन सार्स-कोव-2 के साथ-साथ अन्य कोरोना वायरसेज के खिलाफ भी सुरक्षा देगी। इसे यूनिवर्सल वैक्सीन कहा जा रहा है, जो हर तरह के वैरिएंट्स पर कारगर होगी। साथ ही भविष्य में आने वाली ऐसी किसी भी महामारी को रोकने में मदद मिलेगी।
क्या कहती है रिसर्च?
स्टडी में इस वैक्सीन को सेकेंड जेनरेशन वैक्सीन बताया गया है, जो सरबेकोवायरस पर हमला करती है।
इसी फैमिली के दो वैरिएंट्स न पिछले दो दशकों में दुनियाभर में तबाही मचाई हुई है।
चूहों पर जब इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया तब वैक्सीन ने कई ऐसी एंटीबॉडी डेवलप की जो कई स्पाइक प्रोटीन का सामना कर सकती है।
स्टडी में बताया गया है कि इस वैक्सीन में किसी तरह के आउटब्रेक को रोकने की ताकत होगी।
रिसर्चर्स का कहना है कि हमारा प्लान अभी काम कर रहा है। अगर ये सही चला तो हम यूनिवर्सल वैक्सीन बना सकते हैं।
अन्य वैरिएंट्स पर असरदार
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना के रिसर्चर्स ने पाया कि 2003 में सार्स और कोविड का कारण बने कोरोना वायरस हमेशा खतरा रहेंगे। ऐसे में रिसर्चर्स ने एक नई वैक्सीन तैयार की है। चूहों पर किए गए ट्रायल के नतीजों के मुताबिक, वैक्सीन ने चूहों को नो केवल कोविड-19, बल्कि अन्य वैरिएंट्स से भी बचाया।
सरबेकोवायरस को बनाती है निशाना
वैक्सीन सरबेकोवायरस को निशाना बनाती है। यह कोरोना के बड़े परिवार का हिस्सा है। साथ ही सार्स और कोविड-19 फैलाने के बाद वायरोलॉजिस्ट्स के लिए जरूरी बना हुआ है। खास बात यह है कि टीम ने इसमें एमआरएनए का इस्तेमाल किया है, जो फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन की तरह ही है।
अगले साल इंसानों पर ट्रायल
चूहों को जब यह हायब्रिड वैक्सीन दी गई, तो उसने असरदार तरीके से अलग-अलग स्पाइक प्रोटीन्स के खिलाफ न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज तैयार की। रिसर्चर्स ने उम्मीद जताई है कि आगे और टेस्टिंग के बाद इस वैक्सीन को अगले साल इंसानी ट्रायल्स तक भी लाया जा सकता है।
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