ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना ऐसे करें मूंग दाल का सेवन

मूंग दाल सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। देश के सभी हिस्सों में इसका सेवन किया जाता है। डॉक्टर्स सेहतमंद रहने के लिए रोजाना स्प्राउट खाने की सलाह देते हैं। मूंग में फाइबर प्रोटीन फ्लेवोनोइड्स फेनोलिक एसिड कार्बनिक एसिड अमीनो एसिड कार्बोहाइड्रेट और लिपिड पाए जाते हैं।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 07:52 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 07:52 PM (IST)
ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना ऐसे करें मूंग दाल का सेवन
मूंग दाल सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। डायबिटीज के इलाज में डाइट की भूमिका अहम होती है। विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज के मरीजों को फिट रहने के लिए कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन और मिनरल युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए। हालांकि, डाइट प्लान कद, वजन, उम्र, शारीरिक श्रम और डायबिटीज की स्थिति के अनुसार होना चाहिए। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में मूंग को जरूर शामिल करें। कई शोध में खुलासा हो चुका है कि मूंग दाल के सेवन से शुगर कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं-

मूंग दाल

मूंग दाल सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। देश के सभी हिस्सों में इसका सेवन किया जाता है। डॉक्टर्स सेहतमंद रहने के लिए रोजाना स्प्राउट खाने की सलाह देते हैं। मूंग में फाइबर, प्रोटीन फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक एसिड, कार्बनिक एसिड, अमीनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। इसके सेवन से डायबिटीज, मोटापा और उच्च रक्त चाप में आराम मिलता है।

डायबिटीज में फायदेमंद

मूंग दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। डाइट चार्ट की मानें तो मूंग दाल में 38 ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स मापने की वह प्रक्रिया है, जिससे यह पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट से कितने समय में ग्लूकोज़ बनता है। मूंग दाल शुगर कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाती है।

कैसे करें सेवन

डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए मूंग दाल और स्प्राउट का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए रागी की रोटी और दाल सबसे उत्तम होगा।  100 ग्राम मड़ुआ के आटे में महज 0.6 ग्राम शुगर होती है। साथ ही इसमें फैट की मात्रा बेहद कम होती है। यह देरी से पचने के चलते डायबिटीज के मरीजों के लिए कारगर है। जबकि इससे शुगर नियंत्रित रहती है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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