कोरोना काल में तनाव से निजात पाने के लिए रोजाना करें जानुशीर्षासन
जानुशीर्षासन हिंदी के दो शब्दों जानू यानी घुटना और शीर्षासन यानी शीर्ष से मिलकर बना है। आसान शब्दों में कहें तो घुटनों के बल पर आसन करना जानुशीर्षासन कहलाता है। इस आसन को करने से मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कुछ लोगों के पास अपनी सेहत की देखभाल के लिए पर्याप्त समाप्त नहीं होता है। इससे न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। डॉक्टर हमेशा विषम परिस्थिति में तनाव से बचाव के लिए रोजाना योग करने की सलाह देते हैं। प्राचीन समय से भारत में सेहतमंद रहने के लिए योग किया जाता है। योग के कई प्रकार हैं। इनमें एक जानुशीर्षासन है। जानुशीर्षासन कर तनाव को मात दिया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना काल में जॉब छूटने, संक्रमित होने और आर्थिक तंगी के चलते तनाव की समस्या लोगों में देखी जा रही है। यह एक मानसिक विकार है। इस रोग में व्यक्ति काल्पनिक दुनिया में जीने लगता है। इससे बचाव के लिए सोशल सक्रियता जरूरी है। साथ ही रोजाना जानुशीर्षासन जरूर करें। आइए, जानुशीर्षासन के बारे में सबकुछ जानते हैं-
जानुशीर्षासन क्या है
जानुशीर्षासन हिंदी के दो शब्दों जानू यानी घुटना और शीर्षासन यानी शीर्ष से मिलकर बना है। आसान शब्दों में कहें तो घुटनों के बल पर आसन करना जानुशीर्षासन कहलाता है। इस आसन को करने से मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है।
कैसे करें जानुशीर्षासन
इसके लिए समतल भूमि पर दरी बिछाकर बैठ जाएं। इसके बाद एक पैर को आगे फैलाएं। वहीं, दूसरे पैर को समेटकर रखें। अब अपने धड़ को आगे झुकाकर दोनों हाथों से पैर के तलवे को छुएं या पकड़ने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कुछ देर तक रुकें। आप चाहे तो इस मुद्रा में क्षमता अनुसार सांस को रोककर रखें। जानुशीर्षासन करते समय शरीर को एक सीध में रखें।
जानुशीर्षासन के फायदे
-शरीर लचीलापन होता है।
-मानसिक तनाव में राहत मिलता है।
-पेट में खिंचाव पैदा होता है। इससे पाचन क्रिया में सुधार होता है।
-उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।