सांस के रोगियों के लिए घर में इस तरह बेहतर करें हवा की गुणवत्ता

घर में हवा की खराब गुणवत्ता के कारण संक्रमण फेफड़ों के कैंसर और अस्थमा जैसी पुरानी फेफड़ों की बीमारियां पनप सकती हैं इसलिए घर में शुद्ध हवा का प्रबंध करें।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 02:48 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 11:36 PM (IST)
सांस के रोगियों के लिए घर में इस तरह बेहतर करें हवा की गुणवत्ता
सांस के रोगियों के लिए घर में इस तरह बेहतर करें हवा की गुणवत्ता

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना इस समय सबसे बड़ा सिर दर्द बना हुआ है। मानसून ने भी दस्तक दे दी है। कोरोनावायरस के दौर में जब तंदुरुस्त इंसान को भी फूक-फूक कर कदम रखना पड़ रहा है, ऐसे में लंबी और सांस की बीमारी से ग्रस्त लोगों को अपना बेहद ख्याल रखने की जरूरत है। कोरोना की वजह से सांस की बीमारी से पीड़ित लोग घरों में अपने आपको महफूज किए हुए हैं, ऐसे में घर में शुद्ध हवा का होना जरूरी है। घर में हवा की खराब गुणवत्ता के कारण संक्रमण, फेफड़ों के कैंसर और अस्थमा जैसी पुरानी फेफड़ों की बीमारियां पनप सकती हैं।

इस हेल्थ इमर्जेंसी के दौर में सांस के मरीजों को घर में अपनी सेहत की खास देखभाल करने की जरूरत है। मानसून में घर में मौजूद अदृश्य बैक्टीरिया आपकी सेहत के दुश्मन हैं, इसलिए इन बैक्टीरिया से बचाव जरूरी है।

मानसून में सामान्य जोखिम

मानसून की वजह से घर में सीलन होने लगती है, जो कीड़े और बग के पनपने के लिए माकूल माहौल है। कीड़े और बग इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। इस मौसम में सर्दी-खांसी और गले का इंफेक्शन आम समस्या है। आंखों, नाक और गले में जलन, सिरदर्द या चक्कर आना, थकान होना आम परेशानी है।

घर में हवा की गुणवत्ता में इस तरह करें सुधार - घर पर पर्याप्त वेंटिलेशन बनाए रखें। दिन के दौरान, अगर पर्याप्त धूप हो, तो खिड़कियां खुली रखें, ताकि प्रदूषक तत्वों से बच सकें और हवा साफ हो सके।  सूक्ष्मजीवों को पनपने के लिए नमी की जरूरत होती है, इसलिए सबसे पहले घर में जहां भी पानी का रिसाव होता है, उसपर रोक लगाएं। एयर कंडिशनिंग फिल्टर की सफाई भी नियमित रूप से करें। मानसून के दौरान अस्थमा के रोगियों को विशेष देखभाल करने की आवश्यकता होती है। अस्थमा के रोगियों को चाहिए कि लकड़ी के फर्नीचर पर कवक न बढ़ने दें। घर में मौजूद जूते और चमड़े के बैग पर भी फफूंद नहीं आने दें। उन्हें एक सूखी जगह में साफ और संग्रहित रखें, क्योंकि यह अस्थमा या एलर्जी राइनाइटिस के रोगियों के लिए घातक हो सकता है। सुनिश्चित करें कि घर में कालीन, पर्दे और अन्य कपड़े साफ और ठीक से सूखे हों। बच्चों या बुजुर्गों की बगल में धूम्रपान करने से बचें। हर समय साफ और सूखे कपड़े पहनना सुनिश्चित करें, बंद कमरे में गीले कपड़ों को हवा देने से बचें। सांस के रोगियों के लिए यह सीखना बेहद जरूरी है कि प्रदूषण आपके स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है, और इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या कदम उठाना चाहिए, उसके बारे में जानना जरूरी है। सांस के जो मरीज इन सब बातों से सतर्क रहेंगे, वे जिंदगी में लंबा रास्ता तय कर सकते हैं। 

           Written By Shahina Noor

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