High Cholesterol Level Signs: कोलेस्ट्रोल के स्तर को पैरों में होने वाले इन 4 बदलावों से पहचानिए

High Cholesterol Level Sign कोलेस्ट्रोल कई हार्मोन जैसे एस्ट्रोजेन प्रोजेस्टेरॉन टेस्टोस्टेरॉन कोर्टिसोल और एल्डोस्टेरॉन के निर्माण के लिए जरूरी है। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते लेवल का असर आप अपने पैरों पर असानी से देख सकते है। कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ने से आपके पैरों पर उसके लक्षण दिखने लगते हैं।

By Shahina NoorEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 01:00 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 01:00 PM (IST)
High Cholesterol Level Signs: कोलेस्ट्रोल के स्तर को पैरों में होने वाले इन 4 बदलावों से पहचानिए
सोते समय पैर में ऐंठन होना हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल का सामान्य लक्षण है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बॉडी में लीवर द्वारा निर्मित वसा जैसे पदार्थ को कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। बॉडी के अलग-अलग अंगों की एक्टिविटी के लिए उचित मात्रा में कोलेस्ट्रॉल का बॉडी में होना आवश्यक है। कोलेस्ट्रोल कई हार्मोन जैसे एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरॉन, टेस्टोस्टेरॉन, कोर्टिसोल और एल्डोस्टेरॉन के निर्माण के लिए जरूरी है। कोलेस्ट्रॉल विटामिन A,D,E, और K को बॉडी में आब्जर्ब करने में भी मदद करता है।

पानी में अघुलनशील होने के कारण कोलेस्ट्रॉल को लिपोप्रोटीन नामक एक कण के माध्यम से शरीर के अलग-अलग भागों में पहुंचाया जाता है, जिसकी सतह पर एक विशिष्ट प्रोटीन होता है। जब कोलेस्ट्रॉल उच्च वसा और कम प्रोटीन सामग्री वाले लिपोप्रोटीन के साथ मिलकर कम डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन को (एलडीएल) बनाता है तो यह शरीर के लिए हानिकारक होता है। लिपोप्रोटीन बनने की सबसे बड़ी वजह अनहेल्दी डाइट और आपकी फिजिकल एक्टिविटी में कमी है। एलडीएल धमनियों में निर्माण शुरू कर देता है, उन्हें अवरुद्ध और संकुचित कर देता है, जो समय के साथ दिल का दौरा और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। 

कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते लेवल का असर आप अपने पैरों पर असानी से देख सकते हैं। बॉडी में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ने से आपके पैरों पर उसके लक्षण दिखने लगते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता रहे हैं जिनपर ध्यान देना जरूरी है।

सोते समय पैर में ऐंठन का बढ़ना:

सोते समय पैर में ऐंठन होना हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल का सामान्य लक्षण है जो निचले अंगों की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है। ऐंठन ज्यादातर एड़ी, तर्जनी या पैर की उंगलियों में महसूस होती है। रात में सोते समय हालत और खराब हो जाती है।

त्वचा और नाखून के रंग में बदलाव:

ब्लड सर्कुलेशन में कमी होने से भी पैरों के नाखून और स्किन के रंग में बदलाव आता है। यह बदलाव ब्लड ले जाने वाले पोषक तत्वों और ऑक्सीजन के प्रवाह में कमी के कारण आता है। कोलेस्ट्रोल बढ़ने से स्किन चमकदार और टाइट हो जाती है। पैर का नाखून मोटा हो सकता है और धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।

पैरों में दर्द रह सकता है:

पैरों की धमनियां बंद हो जाती हैं, तो आपके निचले हिस्से में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता जिसकी वजह से पैर भारी और थकान महसूस होती है। हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल वाले ज्यादातर लोग निचले अंगों में जलन दर्द की शिकायत करते हैं। पैर के किसी भी हिस्से जैसे जांघों या पिंडलियों में दर्द महसूस हो सकता है।

पैरों का अक्सर ठंडा रहना:

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल आपके पैरों को पूरे साल एक जैसा बना सकता है। गर्मियों में भी जब आप अपने पैरों को छूएंगे तो आपके पैर ठंडे ही रहेंगे। अगर आपके पैर भी लगातार ठंडे रहते हैं तो इसे नज़र अंदाज नहीं करें बल्कि तुरंत इलाज करें। 

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