रिसर्च में आया सामने, सोने से पहले गाना सुनने की आदत डिस्टर्ब कर सकती है आपकी नींद
अमेरिका की बेलर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने किया है यह दावा कि रात में म्यूजिक सुनने की आदत डिस्टर्ब कर सकती है आपकी नींद। क्योंकि गाना बंद होने के बाद भी दिमाग में इसके चलने का अहसास होता है।
ऐसे बहुत से लोग हैं जो हेडफोन लगाकर गाना सुनते हुए कई सारे काम निपटा लेते हैं और कुछ लोग तो इस सुकून भी नींद का भी जरिया मानते हैं तो आपको बताना चाहेंगे एक नई रिसर्च के अनुसार, सोने से पहले म्यूजिक सुनने वाले लोगों को नींद न आने या नींद टूटने की शिकायत हो सकती है। रिसर्चर्स का कहना है, जब रात में गाने सुनते हैं तो ये दिमाग में घूमने लगते हैं। यहां तक कि गाना बंद होने के बाद भी। और यही चीज़ नींद में खलल डालती है साथ ही आधी रात को नींद टूटने की वजह भी बनती है।
कैसे आया रिसर्च का आइडिया?
रिसर्च करने वाली अमेरिका की बेलर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर माइकल स्कुलिन का कहना है, एक रात उनके दिमाग में एक गाना अचानक घूमने लगा और इस वजह से आधी रात को उनकी नींद खुल गई।
उन्होंने फील किया कि एक गाना आपके नींद को कितना डिस्टर्ब कर सकता है।
इसी के बाद उन्होंने तय किया कि गाना सुनने और नींद के बीच कनेक्शन को समझने की कोशिश करेंगे।
209 लोगों पर हुई है मौजूदा रिसर्च
रिसर्चर्स ने 209 लोगों पर रिसर्च की। इनको सोने से पहले फेमस सिंगर्स टेलर स्विफ्ट और कार्ले रे जैसे सिंगर्स के गाने सुनाए गए।
इसके बाद इनका पॉलिसोम्नोग्राफी टेस्ट हुआ। यह टेस्ट बताता है कि नींद कितनी अच्छी आ रही है।
टेस्ट करके मनुष्य की दिमाग में उठने वाली लहर, हार्ट और ब्रीदिंग रेट जाना जाता है। यह जांच तब की गई जब मरीज सो रहा था। इसी के बाद निष्कर्ष निकालने में मदद मिली।
बंद होने के बाद भी दिमाग में घूमता रहता है गाना
सायकोलॉजिकल साइंस जर्नल में पब्लिश्ड रिसर्च के अनुसार, जब हम जाग रहे होते हैं तब गाने दिमाग में बार-बार घूमते हैं, ऐसा रात में सोने के बाद भी होने की पूरी-पूरी संभावना होती है।
इसके अनुसार, हमारे दिमाग में गाना तब भी घूमता है जब म्यूजिक बंद होता है और हम नींद में होते हैं। जिसका असर हमारी नींद पर पड़ता है।
माइकल कहते हैं, अक्सर टीनएजर्स और यंगस्टर्स अपने मूड को बेहतर बनाने के लिए सोने से पहले गाना सुनते हैं, और धीरे-धीरे यह शौक रोज की आदत में बदल जाता है और नींद पर इसका बुरा असर पड़ने लगता है।
इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक का असर ज्यादा खराब
अगर यह समस्या हफ्ते में एक से ज्यादा होती है तो ऐसे लोगों में 6 गुना तक नींद डिस्टर्ब होने का खतरा रहता है।
रिसर्चर्स का कहना है, शब्दों के साथ चलने वाले म्यूजिक के मुकाबले इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक नींद खराब करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
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