चश्मा खरीदते वक्त स्टाइल या कलर से ज्यादा इन बातों का रखें ख्याल

कोरोना की वजह से काम में आए बदलाव की वजह से लोगों का स्क्रीन टाइम कई गुना बढ़ गया है। जिसकी वजह से लोगों को चश्मा लगाने की जरूरत पड़ रही है। तो आंखों की हेल्थ के लिए किन तरह का चश्मा चुनें जानेंगे यहां।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 08:13 AM (IST)
चश्मा खरीदते वक्त स्टाइल या कलर से ज्यादा इन बातों का रखें ख्याल
दुकान पर अलग-अलग तरह के चश्मे रखे हुए

कोरोना काल के बाद लोगों में दृष्टि संबंधी समस्याएं बढ़ने लगीं। जहां एक ओर उनके चश्मे का पावर बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर जो लोग अब तक चश्मा नहीं पहनते थे, अब उन्हें भी इसकी जरूरत पड़ने लगी है। तो चश्मा चुनते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी, आइए जान लें जरा इसके बारे में।

आंखों की बीमारियों के इलाज के लिए आई ड्रॉप्स के अलावा चश्मा लगाने की सलाह दी जाती है। कई लोग असुविधा की वजह से चश्मे के बजाय लेंस लगाना पसंद करते हैं। कोरोना काल में कान पर मास्क का भी बोझ बढ़ गया है, ऐसी स्थिति में लोग चश्मे के बजाय लेंस या करेक्टिव आई सर्जरी को प्राथमिकता देने लगे हैं। फिर भी आंखों की जांच के बाद डॉक्टर ही यह तय करते हैं कि किसी भी व्यक्ति के लिए चश्मा या लेंस दोनों में से क्या उपयुक्त होगा।

कैसा हो चश्मा

1. फ्रेम हल्का हो, नाक और कान पर ज्यादा दबाव न डालता हो। घटिया फ्रेम की वजह से लेंस का एंगल बिगड़ सकता है और यह आंखों के लिए नुकसानदेह होता है।

2. बच्चों के लिए ऐसा चश्मा खरीदें, जो उनकी आंखों को अच्छी तरह कवर करता हो। वरना बच्चे चश्मे की साइड से देखने की कोशिश करते हैं, जो उनकी आंखों के लिए नुकसानदेह होता है।

3. चश्मे के लिए रेज़िन लेंस सही होते हैं और उन पर खरोंच भी नहीं पड़ती।

4. ट्रिप्लेक्स लेंस भी वजन में हल्के होते हैं और जल्दी टूटते नहीं हैं।

5. बच्चों और खिलाड़ियों के लिे पॉलिकार्बोनेट लेंस उपयुक्त होते हैं क्योंकि इनके ग्लास जल्दी नहीं टूटते। इसके अलावा ऐसे लेंस सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से भी आंखों को बचाते हैं।

6. फील्ड वर्क करने वालों के लिए फोटोक्रोमिक लेंस भी उपयोगी होती हैं क्योंकि सूरज की रोशनी में इनका रंग बदल जाता है। फिर व्यक्ति को अलग से सन ग्लास की जरूरत नहीं पड़ती।

Pic credit- pexels

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