बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में कारगर हैं सूरजमुखी के बीज, ऐसे करें सेवन
सूरजमुखी के बीज के सेवन से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। इस शोध में 60 लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों को 6 महीने तक रोजाना 2 ग्राम सूरजमुखी के बीज खाने की सलाह दी गई।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सूरजमुखी एक वानस्पतिक पौधा है। अंग्रेजी में सनफ्लॉवर कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे औषधि माना जाता है। इसके बीज में कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। खासकर डायबिटीज के सूरजमुखी के बीज वरदान साबित होते हैं। इसके अलावा, बैड कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में भी कारगर है। आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल के दो प्रकार हैं, जिन्हें गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। बैड कोलेस्ट्रॉल सेहत पर प्रतिकूल असर डालता है। यह ब्लड सर्कुलेशन यानी रक्त प्रवाह को कम कर सकता है। इससे हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो खराब दिनचर्या और अनुचित खानपान समेत अत्यधिक वसायुक्त चीजों के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 मिग्रा/डीएल से कम रहना चाहिए। कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि सूरजमुखी के बीज कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में भी सहायक होते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्या कहती है शोध
रिशर्च गेट पर छपी एक शोध में खुलासा हुआ है कि सूरजमुखी के बीज के सेवन से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। इस शोध में 60 लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें 34 पुरुषों और 26 महिलाओं को शामिल किया गया था। इन लोगों को 6 महीने तक रोजाना 2 ग्राम सूरजमुखी के बीज खाने की सलाह दी गई। 6 महीने बाद शोध में शामिल लोगों के कोलेस्ट्रॉल की जांच गई। इससे पता चला कि सूरजमुखी के बीज का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल कंट्रोल में रहता है।
कैसे करे सेवन
बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को रोजाना एक मुठ्ठी सूरजमूखी के बीज का सेवन करना चाहिए। इसके लिए सूरजमुखी के बीज को सलाद, ओट्स और दलिया में डालकर भी सेवन कर सकते हैं। इसके बीज को भूनकर आप स्नैक रूप में भी खा सकते हैं। इसके सेवन से न केवल कोलेस्ट्रॉल, ब्लकि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।