श्रीलंका और मालदीव बने खसरा और रूबेला फ्री देश-WHO

मालदीव और श्रीलंक दोनों देशों ने अपने देश को खसरा और रूबेला फ्री देश बना लिया है। इन देशों में पिछले तीन सालों से एक भी खसरा और रूबेला का मामला मौजूद नहीं है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 01:00 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 04:50 PM (IST)
श्रीलंका और मालदीव बने खसरा और रूबेला फ्री देश-WHO
श्रीलंका और मालदीव बने खसरा और रूबेला फ्री देश-WHO

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सतर्कता बरती जाए तो हालात को काबू में किया जा सकता है। श्रीलंका और मालदीव ने सतर्कता बरतते हुए खसरा और रूबेला जैसे संक्रामक रोगों पर काबू पा लिया है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका और मालदीव ने अपने देशों में तय लक्ष्य 2023 से पहले खसरा और रूबेला को समाप्त कर दिया है। ये दोनों पहले ऐसे देश बन गए हैं जो खसरा और रूबेला फ्री देश है।

डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने एक बयान में कहा कि जब दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है ऐसे में बीमारी से निपटने में यह सफलता उत्साह बढ़ाने वाली है और संयुक्त प्रयासों की अहमियत को दर्शाती है।

किसी देश को खसरा और रूबेला से मुक्त तब समझा जाता है जब देश में तीन साल से अधिक समय तक संक्रमण फैलने के कोई साक्ष्य नहीं हो और देशों में संतोषजनक काम कर रहा निगरानी तंत्र हो।

मालदीव ने 2009 में खसरा और अक्टूबर 2015 में रूबेला के अपने अंतिम स्थानीय मामले की सूचना दी, जबकि श्रीलंका ने मई 2016 में खसरा और मार्च 2017 में रूबेला के अपने अंतिम स्थानीय मामले की सूचना दी। डब्लूएचओ ने क्षेत्र में कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे देशों में बच्चों का टीकाकरण जारी रखने के प्रयासों की प्रशंसा की है। जहाँ श्रीलंका इस बीमारी को नियंत्रित करने में सफल रहा है, वहीं भारत अभी भी इस बीमारी को नियंत्रित करने में पीछे है। डब्ल्यूएचओ के 10 दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों के साथ मिलकर भारत इस कार्यक्रम के माध्यम से 2020 तक खसरा को खत्म करने और रूबेला /जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) को नियंत्रित करने की योजना पर काम कर रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से देशभर में टीकाकरण अभियान जारी है। 

         Written By Shahina Noor

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