साइंटिस्ट्स ने निकाला डिप्रेशन दूर करने का नया तरीका, अब लाफिंग गैस की मदद से दूर होगी ये समस्या

शिकागो यूनिवर्सिंटी के साइंटिस्ट्स ने डिप्रेशन दूर करने का नया तरीका खोज लिया है। उनका कहना है कि तनाव से जूझ रहे लोगों को दो हफ्तों तक नाइट्स ऑक्साइड यानी लाफिंग गैस सूंघाकर डिप्रेशन के लक्षणों में कमी लाई जा सकती है।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 11:13 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 11:13 AM (IST)
साइंटिस्ट्स ने निकाला डिप्रेशन दूर करने का नया तरीका, अब लाफिंग गैस की मदद से दूर होगी ये समस्या
हाथ में किताब लिए मुस्कुराती हुई महिला

इन दिनों जब लगभग हर आदमी ही लाइफ में कभी न कभी डिप्रेशन और मानसिक तनाव से जूझ रहा है, ऐसे में शिकागो यूनिवर्सिंटी के साइंटिस्ट्स ने डिप्रेशन दूर करने का नया तरीका खोज लिया है। साइंटिस्ट्स का कहना है, तनाव से जूझ रहे लोगों को दो हफ्तों तक नाइट्स ऑक्साइड यानी लाफिंग गैस सूंघाकर डिप्रेशन के लक्षणों में कमी लाई जा सकती है। साइंटिस्ट्स का कहना है, यह तरीका डिप्रेशन से जूझ रहे उन मरीजों के लिए भी असरदार साबित होगी जिन पर एंटी-डिप्रेसेंट दवाओं का असर नहीं होता।

इमरजेंसी में भी दी जाएगी गैस

- साइंटिस्ट्स के मुताबिक, मरीजों को 25 परसेंट लाफिंग यानी हंसाने वाली गैस सुंघाई गई।

- हालांकि गैस सुंघाने के कुछ मामूली से साइडइफेक्ट भी दिखे लेकिन इलाज का असर भी ज्यादा लंबे समय तक देखने को मिला।

- लाफिंग गैस थेरेपी का इस्तेमाल उन मरीजों पर भी किया जा सकता है जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है।

एंटी-डिप्रेसेंट रहें बेअसर

- रिसर्चर चार्ल्स कॉनवे कहते हैं, डिप्रेशन से जूझ रहे तकरीबन 15 परसेंट लोगों में एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं असर नहीं करती।

- ऐसा क्यों होता है, इसकी वजह अब तक सामने नहीं आ पाई है।

- जिसकी वजह से, मरीज सालों तक डिप्रेशन की समस्या से जूझते रहते हैं और बहुत परेशान होते हैं।

- लेकिन इलाज के इस नया तरीके यानी लॉफिंग गैस थेरेपी से डिप्रेशन के ट्रीटमेंट में मदद मिलेगी।

25 परसेंट की मात्रा है अधिक असरदार

- रिसर्चर और एनेस्थीसियो लॉजिस्ट पीटर नागेले का कहना है कि, रिसर्च में मौजूद 24 मरीजों को पूरे एक घंटे तक गैस सुंघाई गई।

- इस दौरान नाइट्रस गैस का लेवल 25 और 50 परसेंट दोनों रखा गया।

- रिजल्ट में सामने आया कि 50 परसेंट नाइट्रस ऑक्साइड के मुकाबले 25 परसेंट कन्सनट्रेशन वाली गैस ज्यादा इफेक्टिव साबित हुई।

- साथ ही, साइडइफेक्ट्स भी कम देखने को मिले और इन लोगों की सिचुएशन पहले से बेहतर नजर आई।

Pic credit- freepik

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