स्टेफ्री और दैनिक जागरण की खास पहल 'पीरियडशाला' शुरू, जहां मिलेगी महावारी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तकरीबन 71% बच्चियों को पहले पीरियड के आने से पहले उसके बारे में पता नहीं होता है। इस दौरान अपनाई जाने वालीं अनगिनत असामान्य प्रथाओं के चलते बच्चियों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है
जागरण संवाददाता। मासिक धर्म स्वच्छता या आसान शब्दों में कहें तो पीरियड्स के समय हाईजीन के प्रति जागरूकता आज के सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण मुद्दों में से एक है। आज भी हमारे समाज में अनगिनत महिलायें पीरियड्स के समय बेहद पीड़ादायक अनुभव से गुजरतीं हैं।
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में तकरीबन 71% बच्चियों को पहले पीरियड के आने से पहले उसके बारे में पता नहीं होता है। इस दौरान अपनाई जाने वालीं अनगिनत असामान्य प्रथाओं के चलते बच्चियों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
पीरियड्स के दौरान हाईजीन के प्रति जागरूकता का अभाव बच्चियों के गिरते स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा कारण है। किषोरियों पर पीरियड्स के समय बहुत सारे प्रतिबंध लगाए जाते हैं जो उन्हें अपने सपनों को खुलकर पूरा करने में बाधक होते हैं। इसलिए युवा लड़कियों को किशोरावस्था से ही इस विषय पर शिक्षित व जागरूक करना बेहद जरूरी हो जाता है।
इसको ध्यान में रखते हुए स्टेफ्री और दैनिक जागरण छात्राओं को पीरियड्स के दौरान स्वच्छता की महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए शुरू कर रहें हैं एक खास पहल 'पीरियडशाला'। इस अभियान के तहत 30 जिलों के 5 लाख से अधिक छात्राओं को पीरियड्स से संबंधित विषय में जागरूक किया जाएगा।
जॉनसन एंड जॉनसन के मार्केटिंग डायरेक्टर, फेमकेयर एंड ओरल केयर श्री कश्यप गाला ने कहा, " 'स्टेफ्री पीरियडशाला' अपनी तरह का पहला डिजिटल अभियान है जिसमें महिलाओं के लिए पीरियड्स की प्राकृतिक प्रक्रिया को नॉर्मल बनाने का एक प्रयास है। मासिक धर्म स्वास्थ्य से संबंधित सभी विषयों पर लड़कियों को जागरूक करने की आवश्यकता है। ‘पीरियडशाला’ किषोरियों के बीच मासिक धर्म शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्टेफ्री की विशेष पहल है ताकि वह शारीरिक और मानसिक रूप से अपने शरीर में हो रहे परिवर्तनों को समझने के लिए पूरी तरह से तैयार हों।"
स्टेफ्री और दैनिक जागरण 'पीरियडशाला' के तहत विभिन्न स्कूलों और शिक्षिकाओं के जरिए किषोरियों के बीच जागरूकता अभियना चलाया जाएगा। शिक्षिकाओं को भी इस संबंध में पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी। युवा लड़कियों को माइक्रोसाइट www.stayfree.in/periodshala पर रजिस्टर करने के बाद इस विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलेगी। इस माइक्रोसाइट में जटिल विषय को आसानी से समझाने के लिए एनिमेटेड वीडियो और विषेष क्विज आदि मौजूद हैं।