Prediabetes Cure: प्री-डायबिटीज के जोखिम से चिंतित हैं तो इस तरह करें शुगर को कंट्रोल
Prediabetes Cure प्रीडायबिटीज को आप डायबिटीज की शुरुआत मान सकते हैं। प्रीडायबिटीज शुगर की बीमारी की वो स्थिति है जिसमें मरीज़ का ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। अगर खान-पान और लाइफस्टाइल में सुधार नहीं करें तो अगले दस वर्षों में टाइप 2 मधुमेह का शिकार हो सकते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है, जो किसी भी उम्र में बॉडी में दस्तक दे सकती है। यह बीमारी किसी को कभी भी हो सकती है। प्रीडायबिटीज शुगर की एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन डायबिटीज की सीमा तक नहीं पहुंचता, इसे "प्री-डायबिटीज" कहा जाता है। प्रीडायबिटीज को आप डायबिटीज की शुरुआत मान सकते हैं, जिसमें मरीज़ का ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। अगर मरीज़ अपने खान-पान और आदतों में सुधार नहीं करता तो अगले दस वर्षों में टाइप 2 मधुमेह का शिकार हो सकता है। प्री-डायबिटीज वाले अधिकांश लोगों में ऐसे कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते, जिससे इसका पता लगाया जा सके। इस बीमारी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराना पड़ता है। अगर आप भी प्रीडायबिटीज के जोखिम को लेकर चिंतित हैं तो आप अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जो डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकें।
प्रीडायबिटीज में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के उपाय प्रीडायबिटिक डाइट की बात करें तो इसमें दालचीनी, एलोवेरा, आंवला, ग्रीन टी, मेथी, नीम और हल्दी बेहद उपयोगी है। प्रीडायबिटिक के खतरे से परेशान हैं तो कम ग्लाइसेमिक लोड वाली सब्जियों और फलों का सेवन करें। कम वसा वाले डेयरी उत्पादों और बीन्स का सेवन करें। साबुत अनाज को करें डाइट में शामिल। डाइट में रेड मीट का सेवन करें। प्रीडायबिटीज के प्रबंधन में हल्दी और आंवला का संयोजन बेहद कारगर है। हल्दी कोशिकाओं के बीच इंसुलिन प्रतिरोध को रोकने में मदद करती है। 1/4 कप ताजा आंवले का रस आधा चम्मच हल्दी पाउडर के साथ या एक चम्मच आंवला पाउडर आधा चम्मच हल्दी पाउडर के साथ गर्म पानी में मिलाएं। 2-3 ग्राम भीगे हुए मेथी के बीज दिन में एक दो बार अपने भोजन के साथ लें और अधिक सब्जियां खाएं। जौ और पुराने अनाज का उपयोग डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।