डायबिटीज के मरीज रोजाना इस समय करें दूध का सेवन, ब्लड शुगर रहेगा नियंत्रित
टाइप 1 डायबिटीज़ किसी भी उम्र में हो सकती है। बच्चे भी टाइप 1 के शिकार हो सकते हैं। जबकि टाइप 2 केवल वयस्कों को होती है। टाइप1 डायबिटीज़ में अग्नाशय से पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उत्सर्जित नहीं होती है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल डायबिटीज़ सामान्य बीमारी बन गई है। डायबटीज़ के दो प्रकार हैं। टाइप 1 डायबिटीज़ किसी भी उम्र में हो सकती है। बच्चे भी टाइप 1 के शिकार हो सकते हैं। जबकि टाइप 2 केवल वयस्कों को होती है। टाइप1 डायबिटीज़ में अग्नाशय से पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उत्सर्जित नहीं होती है। जबकि टाइप2 डायबिटीज़ में अग्नाशय में इंसुलिन उत्सर्जित नहीं होती है। डायबिटीज के मरीज अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देते हैं और नियमित अंतराल पर ब्लड शुगर की जांच कराते रहते हैं। साथ में वर्क आउट भी करते हैं। विषेशज्ञों की मानें तो टाइप 1 डायबिटीज की तुलना में टाइप 2 ज्यादा खतरनाक है।
इसके लिए मरीजों को लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी चाहिए। ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच भी जरूरी है। अगर आप भी टाइप 2 डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो रोजाना नाश्ते में दूध जरूर पिएं। इससे डायबिटीज में आराम मिल सकता है। एक शोध में खुलासा हुआ है कि दूध दिनभर रक्त में शर्करा स्तर को नियंत्रित अथवा कम करने में सक्षम है। आइए जानते हैं-
जर्नल ऑफ डेयरी साइंस में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सुबह के नाश्ते में दूध पीने से ब्लड शुगर दिनभर कम अथवा नियंत्रित रहती है। शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाने का प्रयास किया कि सुबह के नाश्ते में उच्च प्रोटीन युक्त दूध पीने और नाश्ता करने से ब्लड शुगर कितनी देर तक नियंत्रित रहती है।
इस शोध से पता चला कि साबुत अनाज के साथ दूध पीने से पानी की तुलना में बल्ड शुगर स्तर कम होती है। वहीं, सामान्य डेयरी उत्पादों की तुलना में उच्च प्रोटीन युक्त दूध से ब्लड शुगर ज्यादा नियंत्रित रहती है। जबकि नाश्ते में उच्च प्रोटीन युक्त भोजन लेने से भी ब्लड शुगर कम होती है। इस शोध में पुष्टि की गई है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए दूध दवा समान है। यह कार्बोहाइड्रेट्स की पाचन क्रिया को धीरे करने में सफल होता है, जिससे दिनभर ब्लड शुगर नियंत्रित रहती है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को रोजाना सुबह में नाश्ते के समय दूध का सेवन जरूर करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।