Menstrual Hygiene Day 2021: पीरियड्स के दौरान साफ सफाई है कितनी ज़रूरी? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

Menstrual Hygiene Day 2021 वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन डे मनाने की शुरुआत साल 2014 में हुई थी। पीरियड्स का साइकल आमतौर पर 28 दिनों का होता है और ये पांच दिनों तक चलता है। इसीलिए साल के पांचवें महीने यानी मई की 28 तारीख को मनाया जाता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 12:33 PM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 12:33 PM (IST)
Menstrual Hygiene Day 2021: पीरियड्स के दौरान साफ सफाई है कितनी ज़रूरी? जानिए एक्सपर्ट्स की राय
पीरियड्स के दौरान साफ सफाई है कितनी ज़रूरी? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Menstrual Hygiene Day 2021: हर साल 28 मई को वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन डे यानी विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। मासिक धर्म प्रकृति से जुड़ी एक प्रक्रिया है, जिससे हर महिला हर महीने गुज़रती है। ये दिवस महिलाओं/लड़कियों में उन ख़ास दिनों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन डे मनाने की शुरुआत साल 2014 में हुई थी। पीरियड्स का साइकल आमतौर पर 28 दिनों का होता है, और ये पांच दिनों तक चलता है। यही वजह है कि यह ख़ास दिवस साल के पांचवें महीने यानी मई की 28 तारीख को मनाया जाता है।

पीरियड्स के दौरान स्वच्छता क्यों हैं ज़रूरी? 

महिलाओं/लड़कियों में पीरियड्स की साइकिल आमतौर पर 4 से 5 दिन की होती है। इस दौरान महिलाओं को कई तरह के शारीरिक, हार्मोनल बदलावों से भी गुज़रना पड़ता है। जैसे कमर, पैरों और पेट में दर्द, उल्‍टी होना, सिर दर्द, चक्‍कर आना आदि जैसी दिक्कतें आती हैं। इस दौरान महिलाओं को अपने हाइजीन का खास ख़्याल रखने की ज़रूरत होती है क्योंकि लापरवाही कई सारी बीमारियों को जन्म दे सकती है। यहां तक कि कई बार इंफेक्शन की वजह से महिलाओं को इनफर्टिलिटी संबंधी परेशानी भी हो सकती है।

हर महीने महिलाओं को क्यों करना पड़ता है दिक्कतों का सामना 

ममदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा की गायनेकोलोजिस्ट और ऑब्स्टेरिक्स सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तनवीर औजला का कहना है, "विश्व स्तर पर हर महीने 1.8 मिलियन महिलाएं माहवारी से गुज़रती हैं, लेकिन यह देखा गया है कि उनमें से कई सारी महिलाएं मासिक चक्र को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने में विफल रहती है। इसका सबसे बड़ा कारण सामजिक लाज-शर्म, मासिक धर्म के दौरान उत्पीड़न और सामाजिक बहिष्कार है। मासिक चक्र के दौरान महिलाओं को लगता है कि अचानक से उनके आने-जाने और व्यक्तिगत पसंद पर लगाम लग गयी है, इस भावना से उनकी शिक्षा और सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है। समय की मांग है कि युवा लड़कियों और महिलाओं के लिए उनके मासिक धर्म को आराम से मैनेज करने के लिए जागरूकता, ज्ञान और स्किल को बढ़ाने और सामान तथा सुविधाओं तक उनकी पहुंच में सुधार करने वाले कार्यक्रमों का को आयोजित किया जाए। इस दिशा में पहला कदम यह होना चाहिए कि समाज को इसके प्रति संवेदनशील बनाया जाए और पीरियड्स को सामान्य रूप से समझा जाए।"

स्कूलों में दी जाए स्वस्थ मासिक धर्म की जानकारी

नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, नई दिल्ली की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. अस्वती नायर का कहना है, "क्योंकि हमारा मासिक चक्र का पैटर्न कभी-कभी इनफर्टिलिटी (निसंतानता) का संकेत हो सकता है, इसलिए महिलाओं को अपने मासिक चक्र के पैटर्न और साफ़-सफाई को लेकर सावधान रहना चाहिए। हमारे देश में कई तरह के फैक्टर मासिक धर्म के दौरान किए जाने वाले व्यवहार को प्रभावित करते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला फैक्टर आर्थिक स्थिति और रहन सहन का स्तर। स्वस्थ मासिक धर्म की जानकारी को बढ़ाने के लिए एक सिस्टम तैयार करना जरूरी है। स्कूलों में यौन शिक्षा (सेक्स एजुकेशन) को संस्थागत बनाना; माता-पिता और उनके किशोर बच्चों दोनों को लक्षित संवेदनशील किशोर प्रजनन स्वास्थ्य संदेशों के बारे में बताना और इस जानकारी का प्रसार करना सबसे महत्वपूर्ण है। युवाओं के अनुकूल (यूथ फ्रेंडली) सेवाओं तक किशोरों की पहुंच में सुधार किया जाना चाहिए। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि युवा लड़कियों को प्रजनन पथ के संक्रमण (रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन) के ख़तरे को रोकने के लिए मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए। बेहतर बातचीत के माध्यम से ही इस तरह की समस्या से निजात पाई जा सकती है।"

कोविड महामारी ने बढ़ाई दिक्कतें

कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गाजियाबाद की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजना बेकन ने कहा, "दुनिया की लगभग आधी आबादी मासिक चक्र से गुजरती है। इसमें से बड़ी संख्या में महिलाएं अस्वच्छ मासिक धर्म की स्थिति में रहती हैं। निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर पर और हाशिए पर रहने वाले समुदाय, और उचित मासिक चक्र के उत्पादों की पहुंच जहां नहीं है, वे विशेष रूप से माहवारी के दौरान साफ़ सफाई की समस्या से जूझते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान यह स्थिति और खराब हो गई है; इसका महिलाओं और लड़कियों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है, विशेष रूप से गरीबी में रहने वाली महिलाएं और लड़कियां इससे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। महामारी की वजह से लोग पैसे को लेकर बहुत चिन्ता करने लगे हैं। इस वजह से लोग भोजन जैसी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए माहवारी में इस्तेमाल होने वाले उचित मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों को नहीं ख़रीद रहें हैं या ऐसे उत्पादों को प्रथमिकता नहीं दे रहे हैं। यह उन्हें कई घातक बीमारियों के लिए अत्यधिक संवेदनशील बना रहा है।"

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