लो बीपी बन सकता है खतरनाक, बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ इन बातों का भी रखें ध्यान

गर्मियों में रक्तचाप के घटने की आशंका बढ़ जाती है। तो इसे कैसे मेनटेन करें जिससे आप रहें हेल्दी और हैप्पी जानेंगे इसके बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 07:11 AM (IST)
लो बीपी बन सकता है खतरनाक, बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ इन बातों का भी रखें ध्यान
लो बीपी बन सकता है खतरनाक, बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ इन बातों का भी रखें ध्यान

जहां सर्दियों के मौसम में शरीर का मेटाबॉलिक रेट अधिक होने के कारण कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, वहीं गर्मियों में रक्तचाप के घटने की आशंका रहती है। यह समस्या कई बार गंभीर रूप धारण कर लेती है। इससे बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है।

डीहाइड्रेशन

डीहाइड्रेशन यानि शरीर में पानी की कमी, जिसके कारण लंबे समय तक नॉज़िया, वॉमिटिंग या डायरिया जैसी समस्याएं हो जाती हैं। ज्याजा एक्सरसाइज, शारीरिक श्रम या लू लगने के कारण भी ऐसा हो सकता है। इससे दृष्टि में धुंधलापन और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

ब्लीडिंग

ज्यादा खून बहने से भी ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। चाहे यह ब्लीडिंग किसी एक्सीडेंट या ऑपरेशन की वजह से हो या किसी और कारण से। कई बार डिलीवरी के बाद भी खून की कमी से स्त्रियों में लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है।

दिल से जुड़ी बीमारियां

दिल की मांसपेशियां कमजोर होने की स्थिति में भी हार्ट बहुत कम मात्रा में खून को पंप कर पाता है। इससे शरीर में रक्त-प्रवाह धीमी गति से होता है और व्यक्ति का ब्लड प्रेशक लो हो जाता है। इससे हार्ट अटैक और दिल में इंफेक्शन का भई खतरा बढ़ जाता है। हार्ट की आर्टरीज में ब्लॉकेज होने के अलावा दिल की धड़कन धीमी होने की वजह से भी ब्लडप्रेशर लो हो जाता है।

गंभीर इंफेक्शन

सेप्टिसीमिया या कोई गंभीर इंफेक्शन होने पर भी बीपी तेजी से नीचे चला जाता है।

हाइपो थायरॉडिज्म

जब थायरॉयड ग्लैंड से हॉर्मोन का सिक्रीशन कम हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी लो बीपी की समस्या हो सकती है।

इन बातों का रखें ध्यान

1. असमय और हैवी डाइट लेने से बचें। इससे बीपी लो हो जाता है क्योंकि ऐसी स्थिति में पाचन तंत्र की ओर रक्त प्रवाह तेजी से होता है पर शरीर के अन्य हिस्सों में इसकी गति धीमी हो जाती है। इससे व्यक्ति की सुस्ती महसूस होती है।

अगर लो बीपी की समस्या है तो आप अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों जैसे आलू, चावल, पास्ता और ब्रेड आदि की मात्रा कम कर दें।

2. बीमारी चाहे कोई भी हो, उसकी जड़ में कहीं न कहीं तनाव जरूरत होता है। जहां स्ट्रेस से कुछ लोगों का ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है, वहीं इससे लो बीपी की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में मेडिटेशन फायदेमंद होता है। अपनी रूचि से जुड़ा कोई भी ऐसा कार्य करें, जिससे ब्रेन एक्टिव रहे। ऐसी गतिविधियों में भागीदारी बढ़ाएं, जिनसे सच्ची खुशी मिलती हो।

अगर लो बीपी की समस्या हो तो कभी भी झटके के साथ न उठें। इससे चक्कर आने और गिरने का खतरा रहता है। हमेशा धीरे-धीरे पोस्चर में बदलाव लाएं।

3. अपनी डाइट में नियमित रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों के अलावा केला, तरबूज, अनार और अंगूर जैसे फलों को प्रमुखता से शामिल करें। चुकंदर के जूस का नियमित सेवन भी ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है।

4. अपनी डाइट में जूस, छाछ, शिकंजी और लस्सी जैसे तरल पदार्थों की मात्रा बढाएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।

5. व्रत उपवास से बचें और ज्यादा देर तक खाली पेट न रहें। हर दो-तीन घंटे के अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाते रहें।

6. अगर ज्यादा कमजोरी महसूस हो तो तुरंत नींबू पानी में नमक-चीनी मिलाकर पिएं और अपने खानपान में नमकीन पदार्थों की मात्रा बढ़ा दें।

7. अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपका ब्लड प्रेशर हमेशा संतुलित रहेगा।

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