न्यूट्रिशनिस्ट श्री अवनि शर्मा से जानें, डायबिटीज के मरीज कैसे कंट्रोल करें शुगर
यह एक आनुवांशिकी रोग भी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। एक बार डायबिटीज हो जाने के बाद ताउम्र साथ रहती है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को खानपान और रहन-सहन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा रोजाना योग और एक्सरसाइज जरूर करें।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आधुनिक समय में डायबिटज आम बीमारी बन गई है। यह बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन न निकलने के चलते होती है। साथ ही यह एक आनुवांशिकी रोग भी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। एक बार डायबिटीज हो जाने के बाद ताउम्र साथ रहती है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को खानपान और रहन-सहन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, रोजाना योग और एक्सरसाइज जरूर करें। आइए, न्यूट्रिशनिस्ट श्री अवनि शर्मा से जानते हैं कि मरीज कैसे कंट्रोल करें शुगर-
हेल्थकार्ट के न्यूट्रिशनिस्ट श्री अवनि शर्मा ने डायबिटीज के बारे में बताते हुए कहा, "डायबिटीज भारत में सबसे प्रचलित खराब लाइफस्टाइल से सम्बंधित बीमारियों में से एक है। देश में लगभग 77 मिलियन डायबिटीज के मरीज हैं, जिससे यह डायबिटीज से पीड़ित दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है। टाइप 1 डायबिटीज अनुवांशिक हो सकता है, लेकिन खराब लाइफस्टाइल से टाइप 2 और गेस्टेशनल डायबिटीज होती है।
इन समस्याओं को लाइफस्टाइल में बदलाव करके डायबिटीज होने के खतरे को कम किया जा सकता है। वहीं, भोजन भी डायबिटीज को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आवश्यक मात्रा में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों के बिना कार्ब युक्त भोजन का सेवन करने से असंतुलन होता है जिससे डायबिटीज होती है। कई बच्चों में डायबिटीज या प्रीडायबिटीज का निदान तेजी से हो रहा है, क्योंकि फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फ़ूड के कारण बच्चे चीनी का सेवन ज्यादा कर रहे है।
एक पुरानी बीमारी के रूप में डायबिटीज में लंबे समय तक देखभाल की जरुरत होती है, और प्राकृतिक तथा हर्बल सप्लीमेंट जैसे मैग्नीशियम, विटामिन डी, एलोवेरा, आदि इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। खानपान में थोड़ा सा भी बदलाव जैसेकि चीनी के बजाय स्टीविया का उपयोग करना या कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने से डायबिटीज को रोकने और नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा डायबिटीज होने का खतरा मोटे लोगों या जो लोग बैठकर ज्यादा समय बिताते हैं, उनमें होता है। इसलिए ऐसे लोगों को हर हफ्ते 150 मिनट की विधिवत एक्सरसाइज करनी चाहिए।"
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।