जानें, क्यों मधुमेह के मरीजों के लिए बढ़ते वजन को कंट्रोल करना होता है मुश्किल
डॉक्टर्स हमेशा मधुमेह के मरीजों को चीनी से परहेज करने की सलाह देते हैं। इनमें कैलोरी कंट्रोल सीमित या कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स और कम खाने की हिदायत दी जाती है। साथ ही शुगर कंट्रोल करने के लिए विभिन्न प्रकार की डाइट प्लान हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। खराब दिनचर्या, गलत खानपान और तनाव के चलते मोटापा और मधुमेह बड़ी तेजी से अपने पैर पसार रही है। एक रिपोर्ट की मानें तो हर चौथा व्यक्ति मोटापे से परेशान है। खासकर कोरोना महामारी के दौर में मोटापा और मधुमेह के मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है। बढ़ते वजन और शुगर को कंट्रोल करना आसान नहीं होता है। यह टास्क और मुश्किल तब हो जाता है, जब कोई व्यक्ति दोनों बीमारी से पीड़ित रहता है। मधुमेह की बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते होती है। वहीं, मोटापा जंक फूड के अत्यधिक सेवन और वर्कआउट न करने के चलते होती है। ये दोनों आनुवांशिकी बीमारियां हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। इसके लिए मोटापा और मधुमेह के मरीजों को खानपान और रहन-सहन में व्यापक बदलाव करने की आवश्यकता होती है। साथ ही रोजाना वर्कआउट अनिवार्य है। आइए जानते हैं कि क्यों मधुमेह के मरीजों के लिए बढ़ते वजन को कंट्रोल करना होता है मुश्किल-
-डॉक्टर्स हमेशा मधुमेह के मरीजों को चीनी से परहेज करने की सलाह देते हैं। इनमें कैलोरी कंट्रोल, सीमित या कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स और कम खाने की हिदायत दी जाती है। साथ ही शुगर कंट्रोल करने के लिए विभिन्न प्रकार की डाइट प्लान हैं। इन नियमों को पालन करने से भूख अधिक लगती है। भूख बढ़ने से व्यक्ति अधिक खाता है। इससे वजन बढ़ने लगता है और कार्ब रिच चीजों के सेवन से शुगर स्तर बढ़ने लगता है।
-हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इंसुलिन मेडिकशन के चलते शरीर में फैट जमा होने लगता है। इससे बढ़ते वजन को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। मधुमेह की कई दवाइयां अग्नाशय को इंसुलिन उत्पादन के लिए बढ़ावा देती है। इस वजह से भी वजन बढ़ने लगता है। बढ़ते शुगर को कंट्रोल करने का सबसे आसान तरीका कार्बोहाइड्रेट्स युक्त चीजों का कम सेवन करना है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर्स से सलाह लेकर डाइट प्लान कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।