जानें आपको कब कोरोना टेस्ट कराने की है जरूरत और किस तरह के इलाज हैं अवेलेबल
कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए हल्की सी भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में मामूली लक्षणों को नजरअंदाज करने की जगह सही समय पर जांच और इलाज कर आप कम दिनों में स्वस्थ हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं कब कराएं जांच।
देश में कोरोना हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। जानते हैं आपको कब टेस्ट कराने की जरूरत है और किस तरह के इलाज उपबल्ध हैं। 2020 के मुकाबले 2021 वाला कोरोना ज्यादा खतरनाक है और दर्दनाक भी। खतरनाक इसलिए क्योंकि 2021 वाला कोरोना अब इच्छाधारी हो चुका है, रूप बदल रहा है। कोरोना के लक्षण समझना और पकड़ना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में जानना जरूरी है कि आपको कब टेस्ट कराने की जरूरत है और किस तरह के इलाज उपबल्ध हैं।
सीटी वैल्यू और सीटी स्कोर
आरटी-पीसीआर टेस्ट में पता चलने वाली सीटी वैल्यू ये बताती है कि मरीज में वायरस लोड कितना है। 24 से कम वैल्यू वालों को खतरा ज्यादा है। इससे ऊपर वालों को कम।
अधिक सीटी स्कोर आने वाले मरीजों को अधिक खतरा होता है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट
तरीका- नाक से स्वैब लिया जाता है।
समय- 15 से 20 मिनट
आरटी-पीसीआर
तरीका- नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है।
समय- 4 से 5 घंटे
कोविड-19 की स्टेजेस
स्टेज- 1
होम क्वारंटीन या आइसोलेशन वार्ड
कब- कोई भी लक्षण नहीं होना, चेस्ट स्कैन का सामान्य होना।
कभी-कभी हल्का बुखार, सर्दी, गला बंद होना, उल्टी-दस्त।
स्टेज- 2 (ए) आइसोलेशन हॉस्पिटल
कब- बुखार लगातार बने रहना, सर्दी, सीने के सीटी स्कैन में घावों का नजर आना।
स्टेज- 2 (बी) आईसीयू
कब- निमोनिया, खून में ऑक्सीजन की कमी।
स्टेज- 3 आईसीयू
कब- सांस लेने में परेशानी होना, ऑक्सीजन लेवल लगातार घटना, दिल का दौरान पड़ना, खून के थक्के जमना, किडनी का काम बंद कर देना या कम कर देना।
क्या है दवा और इलाज?
रेमेडेसिविर
यह दवा उन्हें दी जाती है, जिन्हें आरटी-पीसीआर में कोरोना की पुष्टि हुई हो। खून में ऑक्सीजन लेवल 94 परसेंट से कम हो। सीने के सीटी स्कैन या एक्सरे में संक्रमण की पुष्टि होने पर।
फेविपिराविर
यह उन्हें दी जाती है जिन्हें आरटी-पीसीआर में कोरोना की पुष्टि हुई हो। बुखार व सांस लेने में तकलीफ हो। उम्र 18 से ज्यादा हो।
ब्लड प्लाज्मा थेरेपी
जिन्हें आरटी-पीसीआर में कोरोना की पुष्टि हुई हो। उम्र 18 साल से अधिक हो। बुखार, सांस लेने में तकलीफ हो। खून में ऑक्सीजन लेवल 94% से कम हो।
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