Hypersomnia Sign: क्या है हायपरसोमनिया, जानें लक्षण और बचाव

कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी नींद को प्रभावित करती है। साथ ही रात में सोने वक्त ड्रिंक स्मोक और कॉफी पीने से भी नींद गायब हो जाती है। जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हर समय नींद आती रहती है।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 01:26 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 09:28 PM (IST)
Hypersomnia Sign: क्या है हायपरसोमनिया, जानें लक्षण और बचाव
रात में सोने वक्त ड्रिंक, स्मोक और कॉफी पीने से भी नींद गायब हो जाती है।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हायपरसोमनिया नींद आने की बीमारी है। इस बीमारी में व्यक्ति दिन में भी बिना सोए नहीं रह पाता है। इसके लिए व्यक्ति कोई न कोई बहाना बनाकर या ढूंढ़कर जरूर सो लेता है। हालांकि, अति किसी चीज़ की खराब होती है। ऐसे में ज्यादा सोना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है। इससे शरीर में ऊर्जा की कमी होने लगती है। जबकि व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होने लगता है। विशेषज्ञों की मानें तो देर रात तक मोबाइल स्क्रॉलिंग करने के चलते भी हायपरसोमनिया की शिकायत होती है।

कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी नींद को प्रभावित करती है। साथ ही रात में सोने वक्त ड्रिंक, स्मोक और कॉफी पीने से भी नींद गायब हो जाती है। जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें हर समय नींद आती रहती है। कई मौके पर ऐसा भी होता है कि लोग दिन में बैठे-बैठे सो जाते हैं। यह एक बीमारी है, जिसे हायपरसोमनिया कहा जाता है। इस बीमारी में व्यक्ति को हर समय नींद आती है, वह किसी तरह सोने का बहाना ढूंढता रहता है। अगर आपको हायपरसोमनिया के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं-

हायपरसोमनिया के लक्षण

-भूख कम लगना

-नींद आना

-चिचिड़ापन

-तनाव और अवसाद में जीना

-स्मरण शक्ति कमजोर होना

-दिन में बेचैनी और घबराहट होना

हायपरसोमनिया के बचाव

अगर उपरोक्त लक्षण के संकेत मिलने पर डॉक्टर से तत्काल से संपर्क करें। यह एक सामान्य बीमारी है, लेकिन यात्रा के दौरान हायपरसोमनिया खतरनाक साबित हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। जबकि अपने सोने की शैली और स्थान में भी बदलाव करें। शाम के समय में एक्सरसाइज बिल्कुल न करें। साथ ही कैफीन युक्त चीज़ें और शराब का बिल्कुल सेवन न करें।

डिस्क्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। इस लेख का उद्देश्य सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य की समझ को बढ़ावा देना है।

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