कई बीमारियों में रामबाण दवा है कालमेघ, जानें इस्तेमाल करने के तरीके

इसे वैज्ञानिक भाषा में एंडोग्रेफिस पैनिकुलाटा कहा जाता है। जबकि देसी भाषा में इसे चिरायता कहा जाता है। इसमें क्षारीय तत्व-एन्ड्रोग्राफोलाइडस पाया जाता है।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 02:06 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 02:06 PM (IST)
कई बीमारियों में रामबाण दवा है कालमेघ, जानें इस्तेमाल करने के तरीके
कई बीमारियों में रामबाण दवा है कालमेघ, जानें इस्तेमाल करने के तरीके

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कालमेघ एक औषधीय पौधा है, जो उत्तर भारत समेत बंगाल में अधिक पाया जाता है। इसका स्वाद बेहद कड़वा होता है। दादी नानी के जमाने से इस शाक औषधीय का उपयोग किया जाता है। इसे वैज्ञानिक भाषा में एंडोग्रेफिस पैनिकुलाटा कहा जाता है। जबकि देसी भाषा में इसे चिरायता कहा जाता है। इसमें  क्षारीय तत्व-एन्ड्रोग्राफोलाइडस पाया जाता है, जो कई प्रकार की बीमारियों में रामबाण दवा है। देहाती क्षेत्रों में इसका उपयोग खून साफ़ करने और मौसमी बीमारियों से बचने के लिए किया जाता है। इसके सेवन से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। आइए, कालमेघ के फायदे के बारे में जानते हैं-

रक्त साफ़ होता है

कालमेघ रक्त शुद्धिकरण के लिए जाना जाता है। इसके लिए रोजाना एक गिलास पानी में कालमेघ के पत्तों को उबाल लें। इसके बाद काढ़ा की तरह इसका सेवन करें। इसके सेवन से खून साफ़ होता है। साथ ही फ्लू संबंधी बीमारियां दूर रहती हैं। खासकर मलेरिया में कालमेघ रामबाण औषधि है, क्योंकि इसमें एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं।

डायबिटीज़ में होता है लाभदायक

कालमेघ में एंटी-डायबेटिक गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज़ में सहायक सिद्ध होते हैं। इसके सेवन से डायबिटीज़ नियंत्रित होता है। थॉमस जेफरसन विश्वविद्यालय के एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि कालमेघ डायबिटीज़ में फायदेमंद होता है।

बुखार में लाभकारी

कालमेघ बुखार में भी आराम देता है, क्योंकि इसमें एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं। इसके लिए बुखार में मरीज को कालमेघ का काढ़ा देना चाहिए। आप चाहे तो इसमें अन्य आयुर्वेदिक चीज़ें अदरक, शहद आदि भी मिला सकते हैं।

पाचन तंत्र मजबूत करता है

रोजाना खाली पेट एक गिलास कालमेघ युक्त पानी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकल जाता है। इसके लिए रात में सोते वक्त एक गिलास पानी में कालमेघ के कुछ पत्ते भिगो कर रख दीजिए। अगली सुबह को पत्तियों को अलग कर पानी पिएं। इससे आपको पेट संबंधी सभी विकार दूर हो जाएंगे। 

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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