तनाव से मुक्ति पाने के लिए रोजाना करें त्रिकोणासन, जानें करने का तरीका

इसका शब्दिक अर्थ तीन कोणों वाली मुद्रा में योग करना है। इस योग को वृक्षासन से पहले करना चाहिए। जबकि त्रिकोणासन के बाद वीरभद्रासन करना चाहिए। इस योग को रोजाना कम से कम 5 -10 मिनट जरूर करें।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 10:13 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 08:48 AM (IST)
तनाव से मुक्ति पाने के लिए रोजाना करें त्रिकोणासन, जानें करने का तरीका
पाचन तंत्र मजबूत होता है और मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलता है।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सेहतमंद रहने के लिए उचित खानपान और योग बहुत जरूरी है। योग के कई प्रकार हैं। इनमें एक त्रिकोणासन है। यह हिंदी के दो शब्दों त्रिकोण और आसन से मिलकर बना है। इसका शब्दिक अर्थ तीन कोणों वाली मुद्रा में योग करना है। इस योग को वृक्षासन से पहले करना चाहिए। जबकि त्रिकोणासन के बाद वीरभद्रासन करना चाहिए। इस योग को रोजाना कम से कम 5 -10 मिनट जरूर करें। यह एक ऐसा आसन है, जिसे करने से कमर दर्द में आराम मिलता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही कई अन्य लाभ भी हैं।  आइए जानते हैं कि त्रिकोणासन क्या है, कैसे करें और इसके फायदे क्या हैं-

त्रिकोणासन कैसे करें

इस योग को करने के लिए सबसे पहले स्वच्छ और समतल भूमि पर दरी बिछा लें। अब सूर्य नमस्कार की मुद्रा में खड़े होकर सूर्य देव को नमस्कार करें। इसके बाद अपने पैरों के बीच एक गज की दूरी बना लें। अब बाएं हाथ को हवा में लहराते ऊपर ले जाएं, जबकि दाहिने हाथ से अपने दाएं पैर को छूने की कोशिश करें। ध्यान रहें कि इस योग को करने के समय आपका शरीर 90 डिग्री के कोण में स्थित रहें। इस मुद्रा में कुछ समय तक रुकें। इसके बाद पुनः पहली मुद्रा में आ जाएं। इस योगासन को दोनों दिशा में दोहराएं। जबकि रोजाना कम से कम 10 बार जरूर करें।

त्रिकोणासन के लाभ

-इस योग को करने से कमर और पीठ के दर्द में आराम मिलता है।

-कमर, एड़ी और पैर मजबूत होते हैं।

-पाचन तंत्र मजबूत होता है।

-तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।

- मांसपेशियां मजबूत होती है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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