Jagran Dialogues: कोविड रिकवरी के बाद भी क्यों शुरू हो जाती हैं दूसरी समस्याएं? एक्सपर्ट्स से जानें इससे कैसे बचें।

जागरण डायलॉग्ज़ के माध्यम से जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के संक्रामक रोग यूनिट के प्रभारी डॉ. हिमांशू रेड्डी के साथ पोस्ट-कोविड जटिलताओं और ठीक होने के बाद घातक वायरस के प्रभावों को रोकने के तरीके के बारे में बात की।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 03:38 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 03:38 PM (IST)
Jagran Dialogues: कोविड रिकवरी के बाद भी क्यों शुरू हो जाती हैं दूसरी समस्याएं? एक्सपर्ट्स से जानें इससे कैसे बचें।
कोविड रिकवरी के बाद भी क्यों शुरू हो जाती हैं दूसरी समस्याएं?

नई दिल्ली, प्रत्यूष रंजन। देश में इस वक्त कोविड-19 संक्रमण के मामले भले ही कम हो गए हों, लेकिन कोरोना वायरस से रिकवरी के बाद होने वाली दूसरी बीमारियों ने लोगों के दिलों में और डर पैदा कर दिया है। इसी को देखते हुए जागरण डायलॉग्ज़ के माध्यम से, जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के संक्रामक रोग यूनिट के प्रभारी डॉ. हिमांशू रेड्डी, के साथ पोस्ट-कोविड जटिलताओं और ठीक होने के बाद घातक वायरस के प्रभावों को रोकने के तरीके के बारे में बात की।

बातचीत से जुड़े कुछ अंश

सवाल: कोविड-19 से रिकवरी के बाद किस तरह की दिक्कतें शुरू हो सकती हैं? कोविड के बाद होने वाली जटिलताएं क्या हैं? कुछ लोगों को ठीक होने के बाद दिक्कतें क्यों आ रही हैं?

डॉ. रेड्डी: कोविड से रिकवरी के बाद होने वाली परेशानियों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसका प्राथमिक कारण है कोविड-19 संक्रमण की वजह से फेफड़ों में आई चोट। इसलिए लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, कमज़ोरी या इसी तरह की जटिलताएं हो सकती हैं। यह सब फेफड़ों में वायरस के कारण हुए नुकसान की वजह से होता है। इसके अलावा कोविड-19 संक्रमण की वजह से इम्यूनिटी पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि कई तरह के संक्रमण शरीर पर हमला करना शुरू कर देते हैं। ख़ास तौर पर बैक्टीरियल और फंगल। तीसरी बात, कोविड-19 संक्रमण के परिणामस्वरूप प्रतिरक्षा प्रणाली का विघटन भी देखा जाता है। यानी इम्यून सिस्टम गलत तरीके से व्यवहार करता है, जिसकी वजह से हम बच्चों में मल्टी-ऑर्गन इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम देख रहे हैं। जो अब वयस्कों में भी होता है।

इसके अलावा, गंभीर कोविड से कुछ मनोवैज्ञानिक परिवर्तन होते हैं, रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। अधिकांश लोग कोविड-19 संक्रमण के बाद थकान, जोड़ों में दर्द, चकत्ते, पाचन संबंधी समस्याएं और यहां तक ​​कि आंशिक मनोभ्रंश भी महसूस करते हैं।

सवाल: कई लोग याद्दाश्त का कमज़ोर होना, सूखी खांसी, सिरदर्द आदि की शिकायत करते हैं, तो जब शरीर पर कोविड-19 का हमला होता है, तो ऐसे कौन से कठोर परिवर्तन होते हैं, जिनकी वजह से कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं?

डॉ. रेड्डी: मूल रूप से यह फेफड़ों पर वायरस द्वारा सीधी चोट और प्रतिरक्षा विकार के कारण होता है। लेकिन कई कारण हैं, जिनके बारे में हमें धीरे-धीरे पता चल रहा है और ऐसे भी कई कारण हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं।

जैसा कि आपने कहा सूखी खांसी, जो हो सकता है वायरल संक्रमण की वजह से वायुमार्ग अधिक प्रतिक्रियाशील हो जाने की वजह से होता है। इसके अलावा इम्यूनोसप्रेसेन्ट और स्टेरॉयड के उपयोग के कारण कुछ लोगों में दीसरे संक्रमण होने लगते हैं। यह वायरस खुद तो फेफड़ों को ही नुकसान पहुंचाता ही है, साथ ही दूसरे बैक्टीरिया और वायरस पर हमला करना भी आसान बना देता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कोविड-19 संक्रमण की वजह से इम्यून सिस्टम अजीब तरह से व्यवहार करने लगता है।

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