Jagran Dialogues: कोरोना से लड़ाई जारी है, बच्चों और बुजर्गों को कैसे रहना है सावधान, जानें एक्सपर्ट से

Jagran Dialogues के लेटेस्ट एपिसोड में जागरण न्यू मीडिया के Executive Editor Pratyush Ranjan ने कोरोना से लड़ाई जारी है बच्चों और बुजर्गों को कैसे सावधान रहना है इसी मुद्दे पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)जोधपुर में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (Surgical oncology) के निदेशक Dr. Sanjeev Misra से बातचीत की।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 01:44 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:53 PM (IST)
Jagran Dialogues: कोरोना से लड़ाई जारी है, बच्चों और बुजर्गों को कैसे रहना है सावधान, जानें एक्सपर्ट से
Jagran Dialogues का आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर किया जा रहा है।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Jagran Dialogues: कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई जारी है। इस महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। इसके लिए ढ़िलाई बिल्कुल न बरतें। एक्सपर्ट्स की मानें तो त्योहारों के सीजन में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है। अतः कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक सरल नियमों का पालन करें। मास्क पहनें, शारीरिक दूरी का पालन करें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और अपनी बारी आने पर कोरोना टीका जरूर लगवाएं। साथ ही लोगों को भी कोरोना नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। वहीं, घर के बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दें। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बच्चों और बुजुर्गों पर व्यापक असर पड़ा है। इसके लिए त्योहार घर पर ही मनाएं। हालांकि, लोगों के मन में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर कई सवाल हैं। इनमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोरोना वायरस के बदलते वैरिएंट से बच्चों और बुजर्गों को कैसे सावधान रहना है।

Jagran Dialogues के लेटेस्ट एपिसोड में जागरण न्यू मीडिया के Executive Editor Pratyush Ranjan ने "कोरोना से लड़ाई जारी है, बच्चों और बुजर्गों को कैसे सावधान रहना है" इसी मुद्दे पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS),जोधपुर में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (Surgical oncology) के निदेशक और सीईओ (Prof) Dr. Sanjeev Misra से बातचीत की। Jagran Dialogues की Covid-19 से जुड़ी सीरीज का आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर किया जा रहा है। आइए, इस वर्चुअल प्रश्नावली और बातचीत के बारे में विस्तार से जानते हैं-

1. सवाल:- विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का उम्र से कोई संबंध नहीं है। 1 से 16 साल की उम्र तक के बच्चे वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें नवजात शिशुओं में जन्म के समय मां के जरिए संक्रमण हुआ है। क्या आपके सामने ऐसे मामले आए हैं?

जबाव:- Dr. Sanjeev Misra ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि कोरोना ज्यादातर वयस्कों में ही हुआ है। बच्चों में मामले कम देखे गए हैं। आसान शब्दों में कहें तो वयस्कों की तुलना में बच्चों में कोरोना की समस्या कम है। वहीं, बात नवजात शिशु की करें, तो बहुत ही कम मामले हैं। हमने मुश्किल से 4-5 मामले देखे हैं, जिनमें मां के कोरोना संक्रमित होने पर बच्चे भी संक्रमित हो गए। इसकी संभावना बहुत कम है कि मां के कोरोना संक्रमित होने से बच्चे भी संक्रमित हो जाएंगे। नवजात शिशुओं के संक्रमित होने के मामले आए हैं, लेकिन बहुत कम आए हैं।

2. सवाल:- ऐसे बच्चे जो क्रॉनिक बीमारियों से ग्रसित हैं क्या उन पर कोविड संक्रमण का असर अधिक गंभीर हो सकता है?

जबाव:- इस सवाल के जबाव में Dr. Sanjeev ने कहा- अगर बड़ों में क्रॉनिक बीमारियां हैं, तो बच्चों में भी क्रॉनिक बीमारियां हो सकती हैं। किडनी की समस्या हो सकती है, ब्लड कैंसर हो सकता है। इसके अलावा, कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इन बच्चों को आईसीयू देखभाल की ज्यादा जरूरत पड़ती है। इसके बावजूद अच्छी बात यह है कि ज्यादातर लोग और बच्चे ठीक हो जाते हैं और मृत्यु की संभावना उतनी नहीं रहती है। ऐसे मामले में ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं।

3. सवाल:- एक सवाल और जो बच्चों को लेकर उठ रहा है वह यह है कि क्या कोरोना वायरस के संक्रमित बच्चे परिवार के दूसरे सदस्यों या फिर मिलने-जुलने वालों को संक्रमित कर सकते हैं? बहुत सारे अध्ययन में ये सामने आया है कि बच्चों में संक्रमण के लक्षण न होने के बावजूद भी वे वाहक के रूप में काम कर सकते हैं। इस पर आपका क्या कहना है-

जबाव:- डॉक्टर ने कहा- यह बिल्कुल सही बात है। बच्चों में अगर बीमारी होती भी है, तो माइल्ड यानी बहुत कम होती है। बच्चे अलक्षणी रहते हैं या उनमें लक्षण नहीं रहते हैं। यह पूरी तरह से वयस्कों की तरह है। अगर कोई वयस्क व्यक्ति अलक्षणी है। आसान शब्दों में कहें तो उनमें कोरोना के लक्षण नहीं देखे जाते हैं। हालांकि, व्यक्ति संक्रमित रहता है, तो संक्रमण का खतरा रहता है। अलक्षणी कोरोना संक्रमित बच्चे से समान खतरा रहता है। इससे दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसके लिए ध्यान रखना चाहिए कि अगर घर में कोई बच्चा संक्रमित होता है, तो मास्क पहनें, शारीरिक दूरी का पालन करें, साफ-सफाई का ध्यान रखें। इन नियमों के पालन से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।

4. सवाल:- कोरोना वायरस से संक्रमित कोई भी दो व्यक्ति समान लक्षण नहीं दिखाते हैं। क्या यह बच्चों के मामले में भी सच हो सकता है और यह अलग-अलग हो सकता है?

जबाव:- इस सवाल का जबाव देते हुए डॉक्टर संजीव ने कहा कि जैसे बड़ों में भी हमलोग देखते हैं। दो अलग-अलग लोगों में कोरोना बीमारी भिन्न-भिन्न स्टेज में रहती है। किसी में बीमारी माइल्ड, तो किसी में गंभीर होती है। बच्चों में भी कोरोना समान व्यवहार करती है। कुछ बच्चों में कम लक्षण देखे जाते हैं, तो कुछ में लक्षण अधिक देखे जाते हैं। दो इंसान एक से नहीं होते हैं। इसके लिए बीमारी दो लोगों में एक जैसी होगी। इसकी संभावना बहुत कम है। अगर किसी में कोरोना बीमारी गंभीर रूप में है, तो चिकित्सा सलाह अनिवार्य है।

5. सवाल:- वायरस की जल्द से जल्द पहचान ही इसके खिलाफ लड़ाई का सबसे कारगर हथियार है। क्या करें यदि बच्चे में कोरोना वायरस की तरह लक्षण नजर आ रहे हैं-

जबाव:- डॉक्टर संजीव ने कहा- जब कभी बच्चों से संबंधित कोई बात होती है, तो सबसे पहले माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। चिंतित होना लाजमी है, लेकिन इससे बिल्कुल न घबराएं। वयस्कों की तरह बच्चे को आइसोलेशन में रखें। आसन शब्दों में कहें तो बच्चे को आइसोलेट करें। मास्क दें, दो गज की दूरी रखें। वहीं, जो भी नियम वयस्कों के लिए कोरोना से बचाव हेतु बनाए गए हैं। उन्हें जरूर फॉलो करें। एक चीज का अवश्य ध्यान रखें कि सेल्फ मेडिकेशन बिल्कुल न करें। कहने का तात्पर्य यह है कि अपनी मर्जी से कोई दवा न दें। किसी डॉक्टर से परामर्श कर लें कि कब और कौन सी दवा देनी है।

6. सवाल:- बच्चों को फिर से स्कूल भेजना एक निजी फैसला है। ऐसे में माता-पिता बच्चों को बुनियादी सुरक्षा इंतजाम जैसे मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई के बारे में कैसे तैयार करें?

जबाव:- इस सवाल के जबाव में डॉक्टर ने कहा कि समय-समय पर आपने अलग-अलग माध्यम ( टीवी, समाचार पत्र, रेडियो) से देखा होगा कि साफ-सफाई का ख्याल रखें। साफ-सुथरा रहें। जहां तक बात बच्चों की है, तो नियमित अंतराल पर बच्चों के हाथ धोएं, मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें। बच्चों को कोरोना नियमों का पालन करने के लिए जागरुक करें। खांसते समय रुमाल या हाथ की कोहनी से मुंह को ढंकें। अगर किसी बच्चे को बुखार आ रहा है या तबीयत खराब है, तो बच्चे को आइसोलेट करें और स्कूल बिल्कुल न भेजें। छोटी-छोटी चीजों को करने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। वहीं, बच्चे को स्कूल भेजते समय सैनिटाइजर जरूर दें।

7. सवाल:- कोरोना वायरस से बचने के लिए बुजुर्ग को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना से बचाने के लिए क्या करना चाहिए?

जबाव:- डॉक्टर ने कहा- बुजुर्गों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, किडनी की समस्या आदि बीमारी अधिक देखी जाती है। साथ ही इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती है। सबसे अहम बात यह है कि बुजुर्गों को कोरोना महामारी के दौरान घर पर रहना ज्यादा सुरक्षित है। घर पर रहें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। सब लोग योग करने की बात करते हैं, तो योग जरूर करें। इससे इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। खानपान ठीक से रखें। हाइपरटेंशन, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखें। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से परहेज करें। अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। अगर अति आवश्यक है, तो मास्क लगाकर घर से बाहर निकलें और भीड़ से बचें। कोरोना टीका जरूर लगवाएं। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इन नियमों का पालन करते हैं, तो संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाता है।

8. सवाल:- Covid Appripriate Behaviour क्या है और लोगों को किस-किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। इसके बारे में हमारे दर्शकों को विस्तार से बताएं-

जबाव:- डॉक्टर ने कहा कि त्योहारों के सीजन में हर कोई चाहता है कि परिवार के साथ त्योहार मनाएं। परिवार के साथ जब भी त्योहार मनाएं, तो मास्क लगाएं। शारीरिक दूरी का पालन करें, नियमित अंतराल पर अपने हाथों की साफ-सफाई करें। घर आने वाले मेहमानों को भी कोरोना नियमों का पालन करने की सलाह दें। इतना समय बीत चुका है, तो थोड़ा और समय सावधानी बरतें, तो आने वाले समय में कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है। अगर आप बीमार हैं और बुखार है, तो घर पर रहें। किसी से न मिलें। त्योहार हर साल आते हैं, तो आप अपने परिवार के साथ त्योहार अच्छे से मना सकते हैं। फिलहाल कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करें।

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