ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के लक्षण क्या एक जैसे हैं? जानिए कोरोना के इस वेरिएंट के लक्षणों में अंतर
एक्सपर्ट को ओमिक्रॉन के लक्षण में लो सीटी (cycle threshold) वैल्यू दिखाई दी है यानी वायरस का बहुत ज्यादा घनत्व नहीं है। यही कारण है कि जितने इंटरनेशनल यात्री पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें लो सीटी लेवल देखा गया है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। दुनिया में ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर दहशत मची हुई है। अपने देश में कई ओमिक्रॉन वेरिएंट के मरीज की पुष्टि हो चुकी है। कहा जा रहा है कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा प्लस वेरिएंट से 5 गुना तेजी से लोगों को संक्रमित करता है, इसलिए सबसे ज्यादा चिंता उन देशों में है जिन देशों की आबादी ज्यादा है। हमारा देश दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
दूसरी लहर के दौरान कोरोना ने हमें बहुत नुकसान पहुंचाया है। हालांकि अभी इस नए वेरिएंट को लेकर बहुत ज्यादा बातें साफ नहीं हो पाई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर इस बारे में जो लक्षण बता रहे हैं वह कोरोना के वर्तमान वेरिएंट से थोड़ा अलग है। तो आइए जानते हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट में क्या क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
ओमिक्रॉन का सीटी वैल्यू कम है
कर्नाटक सरकार के मुताबिक ओमिक्रॉन वेरिएंट के और भी मरीज हो सकते हैं, इन मरीजों में कई ऐसे मरीज हैं जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। हालांकि अब तक इसके लिए कोई खतरनाक लक्षण दिखाई नहीं दिए। एक्सपर्ट को ओमिक्रॉन के लक्षण में लो सीटी (cycle threshold) वैल्यू दिखाई दी है, यानी वायरस का बहुत ज्यादा घनत्व नहीं है। यही कारण है कि जितने इंटरनेशनल यात्री पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें लो सीटी लेवल देखा गया है।
किस तरह डेल्टा वेरिएंट से अलग हैं लक्षण:
दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर के मुताबिक शुरुआती विश्लेषण के मुताबिक ओमिक्रॉन से पीड़ित मरीज को बुखार, बहुत ज्यादा थकान, सिर दर्द, बॉडी दर्द, गले में खरांश आदि हो सकता है। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से पीड़ित मरीजों में डेल्टा वेरिएंट की तरह गंध और स्वाद नहीं जाता। न ही इसमें पल्स रेट बढ़ते हैं और ऑक्सीजन लेवल में भी कमी नहीं आती।
ओमिक्रॉन से बचने के लिए क्या सलाह दे रहे हैं:
दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचने के लिए कोरना गाइडलाइन का पालन करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करने की सलाह दी जाती है जिनमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी, जिंक और विटामिन सी मौजूद हो। ऐसा भोजन करें जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स हो। ये चीजें आपके जीवन को बचा सकती हैं और बीमारी को फैलने से भी रोक सकती है।