मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में इन चीजों को जरूर करें शामिल

हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक तत्व पाया जाता है जो मिर्च के स्वाद को तीखा करता है। साथ ही मिर्च में केप्सेन्थिन नामक तत्व पाया जाता है। मिर्च खाने से शरीर में ऊष्मा का संचार होता है। इससे मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 09:05 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 09:05 PM (IST)
मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में इन चीजों को जरूर करें शामिल
तैलीय मछली में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। मेटाबॉलिज्म को हिंदी में चयापचय कहा जाता है। मेटाबॉलिज़्म वह प्रक्रिया है, जिसमें शरीर भोजन को ऊर्जा में तब्दील करता है। इससे संपूर्ण शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। व्यक्ति इसी ऊर्जा को दिनभर खर्च करता है। इसके लिए मेटाबॉलिज़्म सुचारू और गतिमान रहना जरूरी है। इसमें स्थिरता आने से कई बीमारियां जन्म लेती हैं। आसान शब्दों में कहें तो मेटाबॉलिज्म जीवों के जीविकोपार्जन के लिए शरीर में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया हैं। अगर आप भी हमेशा उत्साहित और ऊर्जावान रहना चाहते हैं, तो मेटाबॉलिज्म में सुधार के लिए अपनी डाइट में इन चीज़ों को जरूर शामिल करें-

दही

दही में शरीर के लिए गुणकारी जीवाणु पाए जाते हैं। अगर आप रोजाना दही का सेवन करते हैं, तो आपका पाचन तंत्र मजबूत रहेगा। साथ ही मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है। इसके लिए रोजाना दही का सेवन जरूर करें।

बीन्स

इसमें फाइबर कैल्श‍ियम, आयरन, प्रोटीन, पोटैशियम और विटामिन ए, सी, के और बी 6 पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। बीन्स को उबालकर नमक के साथ सेवन करें। उबले बीन्स में कैलोरी न के बराबर होती है। यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।

फैटी फिश

तैलीय मछली में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटी-कार्सिनोजेनिक के गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों में दवा की तरह काम करते हैं।

पालक

पालक में ल्यूटिन, पोटैशियम, फाइबर, फ़ोलेट और विटामिन-इ पाए जाते हैं। वहीं, पालक में 90 प्रतिशत पानी पाया जाता है।  इसके सेवन से शरीर में पानी की कमी दूर होती है। साथ ही मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।

हरी मिर्च

हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो मिर्च के स्वाद को तीखा करता है। साथ ही मिर्च में केप्सेन्थिन नामक तत्व पाया जाता है। मिर्च खाने से शरीर में ऊष्मा का संचार होता है। इससे मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है। इसके लिए रोजाना दो हरी मिर्च का सेवन कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

chat bot
आपका साथी