Cure Of Sore Throat: गले की खिच-खिच हमेशा परेशान करती है तो भूलकर भी नहीं करें इन 5 चीज़ों का सेवन
Cure Of Sore Throat गले में हमेशा खराश रहने का सबसे बड़ा कारण बदहज़मी और अल्कोहल का अधिक सेवन है। गले की खराश जीवाणुओं से पैदा होने वाली परेशानी है जिसकी वजह से गले में दर्द और जलन रहती है। वायरस इंफेक्शन भी गले की खराश का कारण है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। मौसम बदलने के साथ ही कुछ संक्रमण तेजी से जोर पकड़ लेते हैं, जिसमें गले का संक्रमण भी शामिल है। कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें हमेशा गले में खराश रहती है और वो हमेशा गला साफ करते रहते हैं। गले में हमेशा खराश रहने का सबसे बड़ा कारण बदहज़मी और अल्कोहल का अधिक सेवन है। गले की खराश जीवाणुओं से पैदा होने वाली परेशानी है, जिसकी वजह से गले में दर्द और जलन रहती है। वायरस इंफेक्शन गले की खराश का सबसे बड़ा कारण है। आप भी हमेशा गले की खराश से परेशान रहते हैं तो सबसे पहले डाइट में कुछ चीज़ों से परहेज़ करें।
दही बढ़ा सकती है गले की खराश:
गले की खराश रहती हैं तो दही को डाइट से स्किप करें। दही कफ को बढ़ाती है, जिसकी वजह से बलगम गाढ़ा होकर छाती में जमा होने लगता है, और आप बार-बार गले को साफ करते रहते हैं।
संतरा, नींबू और किन्नू से करें परहेज:
गले में खराश रहती है तो संतरे, नींबू और किन्नू से परहेज़ करें। फलों में खट्टापन और कसैलापन आपके गले में जलन पैदा करेगा जो एलर्जी और खुजली का कारण बन सकता है।
ऑयली फूड से करें परहेज़:
ऑयली फूड आपके गले में खराश पैदा करते हैं इसलिए इनका सेवन कम करें। तले हुए खाद्य पदार्थ ना सिर्फ पचाने में मुश्किल होते हैं बल्कि ये इम्यूनिटी को भी कमजोर करते हैं। इसके अलावा तला हुए खाने से खुजली और गले में जलन पैदा हो सकती है।
डिब्बा बंद जूस का नहीं करें सेवन:
आजकल लोग फ्रेश जूस की जगह डिब्बा बंद जूस पीना ज्यादा पसंद करते हैं, जिससे गले में सूजन हो सकती है। इतना ही नहीं ये फ़िज़ी सामग्री पेट में एसिड रिफ्लक्स को जन्म दे सकती है।
इमली और अमचूर से करें परहेज:
इमली गले में एलर्जी का कारण बनती है, इसलिए इसका सेवन करने से परहेज़ करें। अमचूर स्वाद में खट्टी होती है जो गले की खराश को बढ़ाती है। इसके सेवन से गले में दर्द हो सकता है इसलिए इससे भी परहेज करें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।