फिर क़हर बरपा सकता है कोविड का नया वेरिएंट, जानें कैसे करें परिवार के बुज़ुर्गों की मदद

Coronavirus Omicron कोरोना वायरस एक अजीब तरह की बीमारी है जो अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। 80 प्रतिशत लोगों ने हल्का बुखार सांस लेने में दिक्कत सर्दी ज़ुकाम और खांसी जैसे लक्षण महसूस किए।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:00 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 04:00 PM (IST)
फिर क़हर बरपा सकता है कोविड का नया वेरिएंट, जानें कैसे करें परिवार के बुज़ुर्गों की मदद
फिर क़हर बरपा सकता है कोविड का नया वेरिएंट, जानें कैसे करें परिवार के बुज़ुर्गों की मदद

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। पिछले डेढ़-दो सालों में हमने काफी कुछ सीखा है। जीवित रहने की रणनीति से लेकर मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक से लेकर लाइफ स्किल्स तक, कोरोना वायरस से बचने के बाद मानव ने जीवित रहने के लिए अपने स्किल्स को बेहतर किया है। निरंतर जोखिम, कभी न ख़त्म होने वाला डर और जीवन के बारे में अनिश्चितता इस समय हर किसी के दिमाग में है। अभी भी हमारे दिमाग़ में यही चलता रहता है कि सही दूरी बनाए रखें और मास्क पहने रखें।नई ज़िंदगी को लोगों ने स्वीकार कर लिया है और अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ने के तरीकों को खोजते रहते हैं।

कोरोना वायरस एक अजीब तरह की बीमारी है, जो अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। 80 प्रतिशत लोगों ने हल्का बुखार, सांस लेने में दिक्कत, सर्दी, ज़ुकाम और खांसी जैसे लक्षण महसूस किए। वहीं, वे लोग जो पहले से फेफड़ों, दिल या फिर डायबिटीज़ के मरीज़ थे, उनके लिए ये संक्रमण जानलेवा साबित हुआ। ऐसे में अगर आपके घर ऐसे उम्रदराज़ या फिर पहले से बीमार लोग हैं, तो उनकी देखभाल के लिए कैसे कदम उठाने ज़रूरू हैं?

देखभाल करने वाले व्यक्ति की अहमियत

क्योंकि कोविड-19 कुछ लोगों को अजीब तरह से प्रभावित करता है, इसलिए यह सुनिश्चित करने के तरीकों की तलाश करना बेहद ज़रूरी हो जाता है कि देखभाल करने वाला व्यक्ति ठीक से प्रशिक्षित है या नहीं और उनकी देखभाल की जाती है ताकि वे मदद कर सकें। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उचित दूरी बनाए रखने के लिए दिए गए बुनियादी दिशानिर्देशों और स्वास्थ्य सलाह का पालन करते हुए, नियमित अंतराल पर अपने हाथ धोएं, अपने चेहरे को मास्क से ढकें और जितना हो सके घर के अंदर रहने की कोशिश करें। सार्वजनिक जगहों में वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है, इसलिए घर पर रहने की ही सलाह दी जाती है।

इसके साथ ही कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान देना भी ज़रूरी है:

दो प्लान बना कर चलें

अगर आप अपने परिवार के हेड केयरगिवर हैं, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप सब कुछ ठीक से प्रबंधित करने का प्रयास करें और उचित सावधानी बरतें ताकि आप वायरस से प्रभावित न हों। खासकर जब आप किसी उच्च जोखिम वाले व्यक्ति की देखभाल कर रहे हों, तो संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए इससे बचने के लिए आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। अगर आपको लगता है कि आप प्रभावित हो सकते हैं, तो हमेशा एक प्लान 'बी' भी रखें, ताकि एमेर्जेंसी के लिए योजना तैयार हो और सामान्य चीजों पर असर न हो।

अपने करीबी लोगों से दूरी बनाना

इस संक्रमण से खुद जूझना एक बात है, लेकिन अपने करीबियों को दर्द में देखना और कुछ न कर पाना इससे ज़्यादा दर्दनाक है। इसी तरह की समस्या का सामना कोरोना वायरस फैलने के दौरान हुआ था जब लोगों को यह सुनिश्चित करने के लिए क्वारेंटीन करना पड़ा था कि वायरस अधिक लोगों तक नहीं फैल रहा है। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति ही सिर्फ परेशानी से नहीं गुज़रता, बल्कि उनका परिवार और दोस्त भी दर्द से गुज़रते हैं। कुछ न कर पाने का अहसास, बस उनके घर वापस आने का इंतज़ार करना ताकि वे फिर एक साथ हो सकें, तनाव भरा था।

दूसरी अन्य बीमारियों को न भूलाएं

यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि जिन लोगों को पहले से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, किसी स्वास्थ्य स्थिति का इतिहास है, उन्हें भी याद रखें और उचित देखभाल करें।

महामारी के इस दौर में लोग पहले से मौजूद तकलीफों को भूल गए, जिसकी वजह से आगे चलकर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लोगों पर महामारी का ऐसा असर पड़ा कि वे सिर्फ कोविड से जुड़े साइड-इफेक्ट्स पर ही ज़्यादा ध्यान देने लगे। इसलिए सेहत से जुड़ी दूसरी स्थितियों को नहीं भुलाना चाहिए।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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